Social Restriction: राजनांदगांव जिले में मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे एक परिवार ने इच्छामृत्यु की गुहार लगाई. पीड़ित परिवार का आरोप है कि ग्रामीणों द्वारा हुक्का-पानी बंद करने से उसका परिवार क्षुब्ध है और न्याय की मांग कर रहा है. कलेक्ट्रेट पहुंचे परिवार ने मामले में कलेक्ट्रेट ऑफिस में एक ज्ञापन भी सौंपा है.
अपमानित करने के लिए ग्रामीणों ने किया हुक्का-पानी बंद
मामला जिले के घुमका ब्लॉक के उपरवाह गांव का है. पीड़ित रितेश कुमार साहू व उसके परिवार को सामाजिक रूप से अपमानित करने के लिए ग्रामीणों ने हुक्का पानी बंद कर दिया, जिससे परेशान होकर परिवार ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर इच्छा मृत्यु की मांग की है. पीड़ित के मुताबिक निर्माण के दौरान विवाद के बाद उसके परिवार को हुक्का पानी बंद किया गया.
पीड़ित को पुश्तैनी मकान में पोर्च बनाना पड़ा महंगा
रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित रितेश कुमार साहू ने कलेक्ट्रेट पहुंच कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है,जिसमें उसने कहा है कि उनके पूर्वजों की भूमि पर उनके द्वारा मकान निर्माण किया गया है, जिसमें मकान के लिए पोर्च बनाया गया है, लेकिन ग्रामीणों को उस आपत्ति है, जिसके चलते पूरे परिवार का हुक्का पानी बंद कर दिया गया.
शिकायत के बावजूद भी परिवार को नहीं मिली राहत
पीड़ित ने बताया कि इस संबंध में पहले भी उसने अधिकारियों से शिकायत की थी.बावजूद इसके कोई समाधान नहीं किया गया,जिसके कारण पूरे परिवार को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पीड़ित ने बताया सामाजिक बहिष्कार किए जातने से उसका परिवार अपमानित महसूस कर रहा है, इसलिए इच्छा मृत्यु की मांग की है.
पीड़ित परिवार ने पुश्तैनी मकान में बनाया था बरामदा
गौरतलब है मकान में पोर्च बनाने को लेकर परिवार का हुक्का पानी बंद किया जाना जातिवादी मानसिकता का परिचायक कहा जा सकता है. मकान में पोर्च बनाना कुलीन वर्ग की निशानी मानी जाती है. यही वजह है कि जब पीड़ित परिवार ने पुश्तैनी मकान में पोर्च बनाया तो उसका हुक्का-पानी बंद कर अपमानित करने की कोशिश की गई है.
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