Toilet एक फर्जी कथा... शौचालयों में लगा है ताला, फिर भी अवॉर्ड दे डाला, देखिए स्वच्छ भारत मिशन का हाल

Public Toilet in Chhattisgarh: स्वच्छ भारत मिशन को बेमेतरा के शौचालय मुंह चिढ़ा रहे हैं. कहीं पर सेप्टिक टंकी नहीं तो कहीं पर पानी टंकी की सुविधा और ना सीट है. जहां पर पूर्ण निर्माण हो चुके हैं, वहां पर ग्राम पंचायत में ताला जड़ दिया है, जिसके चलते इसका उपयोग नहीं हो रहा है और यह खंडहर में तब्दील हो रहा है.

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CG News: बेमेतरा के सार्वजनिक शौचालयों की ग्राउंड रिपोर्ट

Swachh Bharat Mission: बेमेतरा जिले में स्वच्छ भारत अभियान (Swachh Bharat Mission) के नाम पर बनाए गए करोड़ों रुपए के शौचालय (Toilet) वर्षों से बन्द पड़े हैं, इनका कोई उपयोग नहीं हो रहा है, फिर भी अधिकारी खाना पूर्ति करने के लिए ऐसे शौचालय को जिला स्तर पर सर्वश्रेष्ठ शौचालय का पुरस्कार देकर ग्राम पंचायतों को सम्मानित कर दिए. जिला पंचायत (Zila Panchayat) की ओर से स्वच्छ भारत अभियान (Swachh Bharat Abhiyan) के तहत ग्राम पंचायत (Gram Panchayat) में सार्वजनिक स्थल (Public Place) में एसबीएमजी मनरेगा एवं 15वें वित्त की राशि से कम्युनिटी सेनेटरी परिसर का निर्माण कराया गया था. केंद्र सरकार की ओर से ऐसा नक्शा तैयार किया गया था, कि सामने दुकान हो और पीछे शौचालय हो, ताकि दुकान के किराए की राशि से शौचालय का रख-रखाव व सफाई करायी जा सके, लेकिन इसके निर्माण में जमकर फ्रॉड हुआ है, कई जगह पर निर्माण कार्य अब तक पूर्ण नहीं हो पाए हैं और कहीं निर्माण कार्य पूर्ण हो गए हैं तो ऐसे शौचालय में ताले लगे हैं.

दो अलग-अलग नक्शे में तैयार किये गए डिजाइन

केंद्र सरकार की ओर से शौचालय निर्माण के लिए दो अलग-अलग नक्शे तैयार किए गए थे. इस डिजाइन के अनुसार से बनाना था 04 लाख 40 हजार की लागत से 267 सामने दुकान पीछे शौचालय का निर्माण किया जाना था. वहीं 03 लाख 50 हजार की लागत से 300 बिना दुकान वाले थे, लेकिन निर्माण कार्य को देखने पर भ्रष्टाचार खुले आम देखा जा सकता है. कहीं पर सेप्टिक टंकी नहीं तो कहीं पर पानी टंकी की सुविधा और ना सीट है. जहां पर पूर्ण निर्माण हो चुके हैं, वहां पर ग्राम पंचायत में ताला जड़ दिया है, जिसके चलते इसका उपयोग नहीं हो रहा है और यह खंडहर में तब्दील हो रहा है.

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जिले के चार ब्लाक के 567 ग्रामों में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण

जिले में स्वच्छ भारत अभियान के तहत जिले में 22 करोड़ 51 लाख 50 हजार रुपए की लागत से 567 गांव में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया गया है. इनमें से बेमेतरा ब्लाक में 135, साजा में 136, बेरला में 114 व नवागढ़ ब्लाक में 182 सार्वजनिक शौचालय शामिल हैं, लेकिन यह योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है. कई गांव में तो निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुए हैं और कहीं पूर्ण हुए हैं तो वहां पर ताला लगा हुआ है.

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बंद शौचालय को किया गया पुरस्कृत

जिला पंचायत की ओर से जिला स्तरीय आयोजन कर जिले के कई सार्वजनिक शौचायलयों को सर्वश्रेष्ठ शौचालय के रूप में पुरस्कृत किया गया है. ऐसे ही एक शौचालय बेरला ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले भालेसार गांव के सार्वजनिक शौचालय का है, जिसे सर्वश्रेष्ठ शौचालय के रूप में पुरस्कृत किया गया है, लेकिन जब वहां पहुंचे और ग्रामीणों से बात की तो उनका कहना था कि दिखाने के लिए कुछ दिन ही इसे खोला गया और साफ सफाई की गई है. इसमें साल भर ताला लगा रहता है. इसका उपयोग नहीं होता है, यानी अधिकारियों को दिखाने के लिए ताले खोल कर गए और साफ सफाई की गई, लेकिन इसका उपयोग नहीं होता है.

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जिम्मेदारों का क्या कहना है?

बेमेतरा जिला पंचायत के सीईओ ठीक चंद्र अग्रवाल ने कहा कि उन्हें लगातार शिकायत मिल रही थी कि सार्वजनिक शौचालय बंद है. जिसके बाद दौरा कर सभी ग्राम पंचायत को आदेशित किया गया है कि सार्वजनिक शौचालय बंद ना रहे अगर बंद पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.

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