छत्तीसगढ़ में दो रिश्वतखोर कर्मचारी गिरफ्तार, 50 हजार के साथ फैक्ट्री से इंजीनियर दबोचा; घर से पकड़ा क्लर्क

छत्तीसगढ़ में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने दो अलग-अलग मामलों में दो कर्मचारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. सूरजपुर में इंजीनियर 50 हजार की रिश्वत ले रहा था और बिलासपुर में क्लर्क 10 हजार की रिश्वत ले रहा था.

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बिलासपुर में आदिम जाति कल्याण विभाग के क्लर्क मनोज टोंडेकर और सूरजपुर का इंजीनियर सीआर नायक.

Chhattisgarh Hindi News: छत्तीसगढ़ में शुक्रवार को दो रिश्वतखोर कर्मचारी गिरफ्तार हुए हैं. पहला बिलासपुर जिले का है, जिसे एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने रंगे हाथों पकड़ा है. वह 10 हजार रुपये की रिश्वत ले रहा था. दूसरा सूरजपुर जिला का इंजीनियर है, जिसे एंटी करप्शन ब्यूरो ने 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते दबोचा है.

50 हजार की रिश्वत लेते दबोचा इंजीनियर

जानकारी के अनुसार, सूरजपुर जिले के प्रतापपुर में एंटी करप्शन ब्यूरो ACB ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मां महामाया शुगर फैक्ट्री में तैनात एक इंजीनियर को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. आरोपी इंजीनियर सीआर नायक को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए उसके निजी आवास से पकड़ है.यह रिश्वत रेगुलर नौकरी लगाने के एवज में मांगी गई थी.

कल्याणपुर निवासी प्रदीप कुमार नामक युवक को एक साल पहले मां महामाया शुगर फैक्ट्री में संविदा पर नौकरी मिली थी. वह आरोपी इंजीनियर के अधीन कार्य कर रहा था, लेकिन लगभग 15 दिन पहले उसे बिना किसी ठोस कारण के नौकरी से हटा दिया. जब उसने दोबारा काम पर रखने की गुहार लगाई तो आरोपी इंजीनियर ने 50 हजार रुपये की मांग की.

पीड़ित ने इसकी शिकायत ACB से की. शिकायत के बाद ACB ने पूरी योजना तैयार की और अपनी नौ सदस्यीय टीम के साथ आरोपी इंजीनियर को रंगे हाथों पकड़ने के लिए कार्रवाई की. जैसे ही इंजीनियर ने रिश्वत की रकम ली, टीम ने उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया. ACB अब आरोपी से गहन पूछताछ कर रही है.

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बिलासपुर में रिश्वतखोर क्लर्क रंगे हाथों गिरफ्तार

बिलासपुर में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने आदिम जाति कल्याण विभाग के क्लर्क मनोज टोंडेकर को 10,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया. आरोपी क्लर्क ने अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत मिलने वाली 2.50 लाख रुपये की सरकारी प्रोत्साहन राशि जारी करने के लिए रिश्वत की मांग की थी.

शिकायतकर्ता अभिलाष बर्मन ने बताया कि उसने करीब एक साल पहले इंटरकास्ट मैरिज करने के बाद योजना का आवेदन विभाग में जमा किया था. राशि स्वीकृत होने के बाद क्लर्क ने उसे भुगतान जारी करने के बदले 10,000 रुपये की मांग की थी. अभिलाष ने रिश्वत नहीं देने का निर्णय लिया और एसीबी में शिकायत की. इसके बाद ब्यूरो की टीम ने योजना बनाकर क्लर्क को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों धर दबोचा.

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