नेत्रहीन नाबालिग से रेप पर कोर्ट का सख्त फैसला, सौतेले पिता और नाना को मिली अंतिम सांस तक उम्रकैद 

Surajpur News: नेत्रहीन नाबालिग से रेप पर कोर्ट ने सख्त फैसला सुनाते हुए सौतेले पिता और नाना को अंतिम सांस तक उम्रकैद की सजा सुनाई है. आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है? 

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Surajpur Rape Case: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में नेत्रहीन नाबालिग बालिका से हुए रेप के मामले में सूरजपुर की फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. इस मामले में सौतेले पिता वंशलाल और रिश्ते में नाना लगने वाले धर्मेन्द्र गुर्जर को जीवन की अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. यह फैसला समाज के उन चेहरों को बेनकाब करता है जो रक्षक बनकर भक्षक बन जाते हैं,, मामला जिले के ओड़गी थाना क्षेत्र का है. 

विशेष न्यायाधीश आनंद प्रकाश वारियाल की अदालत ने दोनों दोषियों को पॉक्सो एक्ट की धारा 6 और बीएनएस की धारा 127 के तहत दोषी मानते हुए यह सजा सुनाई. 

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दो साल तक होता रहा शोषण

मुख्य आरोपी वंशलाल ने वर्ष 2022 से 2024 तक अपनी नेत्रहीन सौतेली बेटी के साथ बार-बार रेप किया. इस बात की जानकारी जब नेत्रहीन ने रिश्ते में नाना लगने वाले शख्स को दी तो उसने भी वही किया और 9 जुलाई 2024 को धर्मेन्द्र गुर्जर ने भी उसी दिन मासूम को अपने घर ले जाकर रेप किया. दोनों ने बच्ची की दिव्यांगता और मजबूरियों का फायदा उठाया. जिसके बाद किसी तरह यह मामला बाल संरक्षण इकाई तक पहुंचा था. जिसके बाद ओडगी थाना में दोनों पर गंभीर अपराध के तहत मामले दर्ज कर दोनों आरोपियों पर कार्रवाई शुरू की गई थी.

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अदालत ने अपने फैसले में कहा कि जब घर के लोग ही हैवानियत करें, तो कानून को सबसे सख्त होना चाहिए. दोनों को अंतिम सांस तक जेल में रहने और जुर्माना अदा करने का आदेश दिया गया.

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शासन की ओर से प्रभावशाली पैरवी

शासन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश कौशिक ने मामले की मजबूती से पैरवी की. जिसके चलते दोषियों को जल्द और सख्त सजा दिलाई जा सकी. यह फैसला सिर्फ कानून का नहीं, समाज की पीड़ा का भी जवाब है, मासूमों के साथ दरिंदगी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. 

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