CM Dr. Mohan Yadav On Rajyotsav Inauguration : डबल इंजन की सरकारें छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश को तेजी से विकास की राह पर लेकर जा रही हैं. छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में संचालित योजनाओं और माओवादी आतंक के विरुद्ध संचालित अभियान की सफलता की तारीफ की जानी चाहिए. अब छत्तीसगढ़ से माओवाद समाप्ति की ओर है. ये बात मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव ने राज्योत्सव कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर कही.
'छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया'
सीएम ने कहा- छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की साझा संस्कृति है, साझा विचार है. छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया, यह सम्मान ऐसे ही हासिल नहीं हुआ. छत्तीसगढ़ के लोग अपनी सहजता-सरलता के लिए, अपने धान के कटोरे के लिए और अपने प्राकृतिक संसाधनों के लिए जाना जाता है. रायपुर से बस्तर तक विकास का नया आयाम स्थापित हुआ है. यहां डबल इंजन की सरकार बहुत तेजी से विकास की राह पर बढ़ रही है. छत्तीसगढ़ में प्रभु श्रीराम ने अपना बहुत समय गुजारा है. माता शबरी के जूठे बेर खाने वाला प्रसंग भी छत्तीसगढ़ का है.
'धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने का काम हम कर रहे'
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भगवान राम और भगवान कृष्ण के कारण से हमारा गौरवशाली अतीत बना है, उसे सहेजने के लिए हमारी सरकार काम करेगी. भगवान श्री कृष्ण की भी जिन जगहों पर लीलाएं हुई हैं, वहां धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने का काम हम कर रहे हैं. राज्योत्सव का दीपोत्सव के साथ आयोजन हुआ. इससे इस आयोजन की कीर्ति बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां लाडली बहन योजना है आपके यहां महतारी वंदन योजना है. हम सब तेजी से विकास के पथ पर बढ़ते रहेंगे.
'छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश का प्रेम सगे भाईयों की तरह'
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दोनों राज्यों का स्थापना दिवस एक ही दिन- सीएम साय
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश का प्रेम सगे भाईयों की तरह है. दोनों राज्यों का स्थापना दिवस एक ही दिन है. मैं डॉ. मोहन यादव जी को भी स्थापना दिवस की बधाई देता हूं और मध्यप्रदेश के भी तीव्र विकास की कामना करता हूं. छत्तीसगढ़ आज 25 वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. इन 24 सालों की विकास यात्रा आपने देखी है.
सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अधिकांश गारंटी को पूरा कर दिया है. चाहे 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी का वायदा हो या माताओं-बहनों को एक हजार रुपए देने की बात हो, रामलला दर्शन योजना की बात हो, पीएससी परीक्षा की जांच हो. सभी काम दस महीनों में पूरे किये गये हैं.
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