Snake Bite News: झाड़-फूंक से सांप का जहर उतारने का करता था दावा, जब खुद को काटा सांप तो अक्ल आ गई ठिकाने

Snake Bite News: बाबा शंकर यादव झाड़ फूंक से सर्पदंश का इलाज करने का दावा करता था, लेकिन जब खुद उसे ही जहरीले सांप ने काट लिया, तो उनके परिजनों ने समझदारी दिखाते हुए झाड़-फूंक करने के बजाय सीधे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां त्वरित इलाज मिलने से उसकी जान बच गई.

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Snake Bite Latest News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के जशपुर (Jashpur) से एक बहुत ही रोचक खबर सामने आई है. दरअसल, यहां एक शख्स लंबे समय से लोगों को सांप का जहर उतारने के लिए झाड़-फूंक के पाखंड के जरिए लोगों को बेवकूफ बनाता था. लेकिन, शनिवार को जब उसे सांप ने काटा तो वह खुद का झाड़-फूंक करने के बजाय सीधे अस्पताल पहुंचा. जहां डॉक्टरों की मुस्तैदी और त्वरित इलाज की वजह से उसकी जान बच गई.

इसके बाद अब सर्पदंश का झाड़ फूंक से इलाज करने वाले बाबा कह रहे हैं कि ऐसे मामलों में बिना समय गंवाए सीधे अस्पताल का रुख करें, न कि झाड़ फूंक के फेर में रहें.

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समय पर इलाज से बची जान

आपको बता दें कि जशपुर जिले के पत्थलगांव सिविल अस्पताल में रायगढ़ जिले के गांव बरपाली चरखपारा निवासी 40 वर्षीय शंकर यादव स्थानीय लोगों के बीच झाड़-फूंक और सांप पकड़ने के लिए मशहूर था. इस बीच शनिवार को उन्हें एक जहरीले नाग ने काट लिया. यह घटना तब हुई, जब शंकर यादव अपने दाहिने हाथ से सांप को पकड़ने की कोशिश कर रहे थे. सांप के काटने के तुरंत बाद शंकर यादव को उनके परिजनों ने बिना देरी किए सिविल अस्पताल पत्थलगांव पहुंचाया. अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मरीज को प्राथमिक उपचार दिया. इसके बाद सर्पदंश के लिए जरूरी एंटी-वेनम इंजेक्शन और अन्य चिकित्सा सुविधाएं समय पर उपलब्ध कराई गईं, जिससे उनकी जान बच गई.

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डॉक्टरों ने ऐसे बचाई जान

सर्पदंश पीड़ित मरीज का इलाज करने वाले डॉक्टर ने बताया कि मरीज को समय पर अस्पताल लाया गया, जो उसकी जान बचाने में सबसे महत्वपूर्ण था. सर्पदंश के मामलों में तुरंत चिकित्सा सहायता लेना जरूरी है. हमने मरीज को एंटी-वेनम और अन्य जरूरी उपचार दिए, जिसके बाद उनकी स्थिति स्थिर हो गई और अब वह पूर्णतः स्वस्थ है.

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अब लोगों से की कर रहे हैं अस्पताल जाने की अपील

इस पूरे मामले में आश्चर्य की बात यह है कि शंकर यादव, जो खुद दूसरों को सर्पदंश के बाद झाड़-फूंक से बचाने का दावा करता था, लेकिन, जब खुद उसे ही जहरीले सांप ने काट लिया तो उनके परिजनों ने समझदारी दिखाते हुए झाड़-फूंक करने के बजाय सीधे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां त्वरित इलाज मिलने से उसकी जान बच गई. अब स्वस्थ हो चुके शंकर यादव ने लोगों से एक खास अपील की है. उन्होंने कहा कि वे पिछले कई सालों से सांप पकड़ने के अलावा सर्पदंश पीड़ितों का झाड़ फूंक करता आ रहा था. इस बार जब सांप ने उन्हें काट लिया तो उन्होंने तुरंत अस्पताल जाने का फैसला किया और आज वह ठीक है. अब वे कह रहे हैं कि सर्पदंश होने पर झाड़-फूंक या देसी नुस्खों पर भरोसा न करें. तुरंत अस्पताल जाएं, क्योंकि समय पर इलाज ही आपकी जान बचा सकता है.

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शंकर यादव की यह कहानी ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश के प्रति जागरूकता की कमी को उजागर करती है. दरअसल, अक्सर लोग अंधविश्वास और झाड़-फूंक के चक्कर में पड़कर समय पर इलाज के लिए नहीं पहुंचते हैं, जिससे जान का खतरा बढ़ जाता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सर्पदंश के मामलों में पहले कुछ घंटे बेहद महत्वपूर्ण होते हैं. सर्पदंश एक मेडिकल इमरजेंसी है. अस्पतालों में एंटी-वेनम और जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं. ऐस में लोगों को चाहिए कि वे बिना समय गंवाए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचें. अंधविश्वास के चक्कर में पड़ने से नुकसान हो सकता है.

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