Sarva Pitru Amavasya 2024: 656 अनजान मृतकों के लिए किया पिंडदान; जानें ‘स्वर्ग धाम’ बनाने वाले इस शख्स की कहानी

Sarva Pitru Amavasya 2024: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में स्वर्ग धाम सेवा समिति को कौन नहीं जानता. यह समिति लगातार कई वर्षों से अनजान, लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार कर रही है. वहीं अब इससे जुड़े सदस्यों ने रुद्री स्थित रुद्रेश्वर घाट में 656 लावारिस मृतकों का सामूहिक तर्पण और पिंडदान किया. आखिर, यह काम कैसे शुरू हुआ?

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Sarva Pitru Amavasya 2024: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में स्वर्ग धाम सेवा समिति को कौन नहीं जानता. यह समिति लगातार कई वर्षों से अनजान, लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार कर रही है. वहीं अब इससे जुड़े सदस्यों ने रुद्री स्थित रुद्रेश्वर घाट में 656 लावारिस मृतकों का सामूहिक तर्पण और पिंडदान किया. आखिर, यह काम कैसे शुरू हुआ? किसके मन में ऐसा करने का विचार आया... इसकी कहानी बेहद दिलचस्प और प्रेरणादाई है. 

मान्यता है कि शवों का परंपरा अनुसार अंतिम संस्कार नहीं होने से मृतक को मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती है. ऐसे में इन आत्माओं को मोक्ष दिलाने साल 2004  में स्वर्ग धाम सेवा समिति का उदय हुआ. 

‘एक महिला की लाश पड़ी थी...', जानें कैसे हुई शुरुआत

स्वर्ग धाम सेवा समिति के महासचिव अशोक पवार ने बताया कि धमतरी जिला अस्पताल के गेट में एक महिला की लाश पड़ी थी. आसपास लोगों से पूछा तो पता चला कि इस लाश का कोई वारिश नहीं है. इसलिए इसका अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है. यह देख मन विचलित हो गया. ऐस में 2004 में फिर स्वर्ग धाम सेवा समिति की स्थापना कर अनजान लाशों की अंतिम संस्कार किया जा रहा है. 

उनके मुताबिक, स्वर्ग धाम सेवा समिति हर साल पितृ मोक्ष अमावस्या पर सभी मृत आत्माओं का सामूहिक तर्पण रुद्रेश्वर घाट में करती है. इसके अलावा जिले के काफी सारे लोग इस कार्यक्रम में पहुंचकर लावारिस लाशों का सामूहिक तर्पण और पिंडदान करते हैं. 

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‘इस काम में सुकून है...'

अशोक पवार ने कहा कि इस काम में जो सुकून है उसे वह बयां नहीं कर सकता. उन्होंने जब से यह काम किया है तब से उनके परिवार में सुख शांति का घेरा है. उन्होंने कहा कि अगर जिला अस्पताल के गेट में महिला की लाश नहीं दिखती तो शायद यह कार्य नहीं कर पाते. माता-पिता और जाने अनजाने पितरों की सेवा से सुख समृद्धि के साथ भगवान का सानिध्य मिलता है.

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