RSS camp in Atmanand School: छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में एक सरकारी स्कूल में आरएसएस द्वारा शिविर आयोजित किए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. पूर्व कांग्रेस विधायक गुलाब कमरो ने इस पर सवाल उठाए हैं. वहीं इस पर बीजेपी और आरएसएस के पदाधिकारियों ने पलटवार किया है.
मामला भरतपुर के आत्मानंद स्कूल का है, जहां लआरएसएस के शिविर का आयोजन हुआ. इसे लेकर पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया और इसे शिक्षा के मंदिर की गरिमा का हनन बताया. उन्होंने लिखा, शिक्षा के मंदिर को नारेबाजी का अड्डा बनाना कहां तक उचित है. गुलाब कमरों ने शिविर आयोजित करने की अनुमति दिए जाने पर सवाल उठाते हुए जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग की है.
‘सरकारी स्कूलों का उद्देश्य...'
कांग्रेस नेता का कहना है कि सरकारी स्कूलों का उद्देश्य बच्चों को शिक्षा प्रदान करना है, न कि किसी राजनीतिक या विचारधारा आधारित गतिविधि को बढ़ावा देना. पूर्व विधायक के इस बयान के बाद से स्थानीय राजनीति गरमा गई है. शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन ने फिलहाल इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है.
इसमें गलत क्या है: RSS
सह जिला संघ चालक कोरिया नरेश सोनी ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एक सामाजिक सांस्कृतिक संगठन है. देश भक्ति, राष्ट्र प्रेम एवं जन नायकों के जीवन चरित्र से नयी पीढ़ी को अवगत कराना संघ की कार्य योजना है. यदि कोई संस्था इसमें सहयोग करे, तो ग़लत क्या है. वर्ग के दौरान खेल खेल में उत्साह में स्वयंसेवकों द्वारा भारत मां की जय, जय श्रीराम के उद्घोष ऊर्जा का विषय होता है, इसमें गलत क्या है, इस विषय पर गलत टिप्पणी निंदनीय है.
कमरो पर भड़की बीजेपी
भारतीय जनता पार्टी एमसीबी के जिला अध्यक्ष अनिल केशरवानी ने कहा कि संघ शिक्षा वर्ग या प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन एक सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधि है, न कि कोई राष्ट्र विरोधी कार्य. उन्होंने कहा कि इस विषय पर संज्ञान लेना चाहिए, क्योंकि कांग्रेस अपनी विचारधारा और मानसिकता के माध्यम से पूरे देश में गलत संस्कार फैलाने का प्रयास कर रही है. अनिल केशरवानी ने सूरजपुर की घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि इससे पहले भी एनएसयूआई और उसके कार्यकर्ताओं द्वारा कई बार शिक्षा के मंदिरों का दुरुपयोग किया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि आत्मानंद स्कूल का उपयोग संघ शिक्षा वर्ग के लिए किया जाना कोई अपराध नहीं है. यह प्रशिक्षण युवाओं में राष्ट्रभक्ति, सामाजिकता, और संस्कारों को बढ़ावा देने का हिस्सा है.
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