Raipur Robbery: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के अनुपम नगर में 11 फरवरी को दिनदहाड़े फिल्मी स्टाइल में 65 लाख की डकैती मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने 30 घंटे के भीतर आरोपियों को गिरफ्तार कर डकैती की रकम बरामद कर ली है. पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि इस संगठित अपराध का मुख्य आरोपी रिटायर्ड फौजी था, जो पीड़ित का पड़ोसी ही है.
डकैती की घटना के बाद रायपुर आईजी अमरीश मिश्रा ने दस टीमों का गठन कर जांच शुरू कर दी थी. सीसीटीवी से मिले फुटेज और पीड़ितों के बयान के आधार पर पुलिस ने नागपुर दुर्ग और राजनांदगांव से 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
आईजी अमरीश मिश्रा ने बताया कि रायपुर से नागपुर तक के 1000 सीसीटीवी फुटेज की गहरी जांच की गई, जिसके बाद आरोपियों को पकड़ने में सफलता मिली है.
ऐसे दिया चोरी की वारदात को अंजाम
पीड़ित मनोहरण वेलू ने थाना खम्हारडीह में चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया कि अनुपम नगर स्थित घर में वो बहन प्रेमा वेलू व रंजनी वेलू के साथ रहते हैं. मंगलवार दोपहर लगभग 2:30 बजे वो बहनों के साथ घर पर थे, तभी दो लोग फौजी की वर्दी पहने घर में घुस आए. दोनों ने रूमाल से मुंह ढका हुआ था. एक बहन बगल के कमरे में थी तो दूसरी अलग कमरे में सो रही थी.
फिर दोनों बदमाशों के साथ एक तीसरा शख्स रूमाल बांधे हुए घर में घुस आया और धक्का-मुक्की कर मनोहरण को जमीन पर पटक दिया. फिर उनके हाथ-पैर बांध दिए.
पिस्टल निकाल चुप रहने की दी धमकी
इस दौरान एक बदमाश ने पिस्टल निकालकर चुप रहने की धमकी दी. इसके बाद एक महिला और पुरुष भी घर में आ पहुंचा. उन्होंने पिस्टल का डर दिखाकर बहनों को भी बंधक बना दिया. फिर दोनों के हाथ में इंजेक्शन लगा दिया. उसके बाद बदमाशों ने बेड के अंदर से रुपयों से भरे दो बैग निकाल लिए और फरार हो गए.
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दोनों बैग में 65 लाख रुपये रखे हुए थे. इसके अलावा बदमाशों ने प्रेमा के गले से सोने की चेन उतरवा दी. अलमारी में रखे जेवर और 25 हजार रुपया कैश भी निकाल लिया.
पीड़ित के घर था आना-जाना
जांच में पता चला कि मुख्य आरोपी ए सोम शेखर ने BSF से सूबेदार के पद से वर्ष 2011 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी. फिलहाल वह रियल हेल्प नामक एनजीओ से जुड़ा था. आरोपी के पीड़ित से घरेलू संबंध थे और घर में रुपये रखे होने की जानकारी थी. उसने अपने साथियों देवलाल वर्मा, कमलेश वर्मा, पुरूषोत्तम देवांगन, अजय ठाकुर, राहुल त्रिपाठी, नेहा त्रिपाठी, शाहिद पठान, पिंटू सारवान और मनुराज मौर्य के साथ चोरी की योजना बनाई.
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