वॉट्सऐप-टेलीग्राम यूज करने वाले सावधान! मोबाइल हैक कर ऐसे खाली हो रहा खाता, देशभर से हैकर्स गैंग गिरफ्तार

पुलिस ने देश के अलग-अलग राज्यों में रह रहे छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें धर्मजीत सिंह, सौरभ कुमार, आलोक कुमार, चांद बाबू, इमरान अंसारी और मारूफ अंसारी शामिल हैं.

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छत्तीसगढ़ की रायपुर पुलिस ने मोबाइल हैक कर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय साइबर गिरोह (Cyber Fraud Gang) का भंडाफोड़ कर छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपी देश के अलग-अलग राज्यों में रह रहे थे. इनके पास से आरटीओ (RTO) ई-चालान, इंश्योरेंस, PM किसान योजना, सभी बड़े बैंक, आयुष्मान कार्ड, PM आवास योजना आदि नाम से फर्जी .apk फाइल यानी फर्जी ऐप बनाने के साक्ष्य मिले हैं. आरोपी इसी फाइल को भेजकर मोबाइल को हैक कर लेते थे.

इसके लिए वह वॉट्सऐप पर फर्जी RTOechallan.apk, PMkisanyojna.apk का मैसेज भेजते थे. पुलिस ने सभी आरोपियों को दिल्ली, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है.

ऐसे शुरू होता था ठगी का खेल

महाराष्ट्र के पुणे में लोना वाला के रहने वाले धर्मजीत सिंह (18) पिता विजय सिंह ने फर्जी APK (एंड्रॉइड पैकेज किट) को मेलेशियस कोड एंबेड कर मोबाइल को हैक करने के उद्देश्य से बनाता था. इसमें साइबर ठग नकली एंड्रॉइड ऐप का उपयोग कर लोगों की व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी चुराते थे. ये ऐप्स अक्सर विश्वसनीय संस्थानों जैसे सरकारी योजनाओं, बैंकों या बिजली बोर्डों के आधिकारिक ऐप के रूप में बनाए होते हैं.

सोशल मीडिया के जरिए एपीके फाइल को बेचते

फर्जी एपीके फाइल तैयार होने के बाद धर्मजीत टेलीग्राम और वॉट्सऐप ग्रुप में 500 से अधिक लोगों को जोड़ता है और बेचने के लिए तरह-तरह के तरीकों को अपनाता है. फिर हैकर्स फिर विश्वसनीय संस्थानों जैसे सरकारी योजनाओं, बैंकों या बिजली बोर्डों के आधिकारिक ऐप के रूप में आम लोगों के वॉट्सऐप ग्रुप में प्रसारित करने हैं. अगर कोई इसे गलती से भी क्लिक कर लेता है तो डाउन लोड हो जाता है और इनस्टॉल करते ही मोबाइल हैक हो जाता है.

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इससे मोबाइल की पूरी जानकारी और कंट्रोल हैकर के पास आ जाती है. कंट्रोल मिलते ही हैकर पीड़ित के मोबाइल में दर्ज बैंकिंग जानकारी को प्राप्त कर राशि अपने खाते में ट्रांसफर कर लेता है. इसके अलावा हैकर पीड़ित की कॉन्टेक्ट लिस्ट से सभी को फर्जी APK डाउनलोड करने संबंधी मैसेज भी भेज देता है. इसके बाद यही खेल चलता रहता है.

फंड फ्लो : साइबर अपराधी सौरभ कुमार और आलोक मोबाइल हैक करने के बाद राशि को म्युल बैंक खातों में प्राप्त कर लेते हैं. फिर चांद मोहमद के जरिए एटीएम पश्चिम बंगाल के आसनसोल के रहे वाले इरफान अंसारी पास भेज देते हैं और वहां से पैसे इरफान निकाल लेता था.

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ऐसे हुए खुलासा

अर्चना भदौरिया के वॉट्सऐप पर RTOechallan.apk और महेश कुमार साहू के वॉट्सऐप पर पर PMkisanyojna.apk फाइल भेजी थी. इसे क्लिक करने के बाद दोनों का मोबाइल हैक हो गया और बैंक खाते से पैसे कट गए. अर्चना के साथ 5.12 लाख रुपये और महेश के सात 12 लाख रुपये की धोखाधड़ी हुई. इसके बाद अर्चना ने टिकरापारा थाने और महेश ने राखी थाने में मामला दर्ज कराया. 

एफआईआर दर्ज होने के बाद रायपुर में साइबर रेंज ने जांच शुरू कर दी. तकनीकी विश्लेषण करने के बाद सभी आरोपियों की पहचान हो गई, जिन्हें देश अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार किया गया. योजनाबद्ध तरीके से एक-एक कर सभी स्थानों पर छापा मारा गया, जहां से सौरव कुमार, आलोक कुमार, चांद बाबू, धर्मजीत सिंह, इमरान अंसारी और मारूफ अंसारी को गिरफ्तार कर लिया.

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