Chhattisgarh में ठंडी पड़ी ‘गर्म खाना’ योजना: 7 महीने से नहीं मिल रहा गर्भवतियों को महतारी जतन योजना का लाभ

Mahatari Jatan Yojana: रायपुर, सूरजपुर, कांकेर, बालोद और जशपुर में महतारी जतन योजना के तहत दी जाने वाली गरम भोजन पिछले सात महीने से बंद है. यहां महिलाओं को सिर्फ रेडी टू ईट मिल रहा है.

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Mahatari Jatan Yojana in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में महिलाओं को पोषण देने महतारी जतन योजना (Mahatari Jatan Yojana) शुरू की गई थी, जिसमें गर्भवती महिलाओं को आंगनबाड़ी में गर्म भोजन दिया जाता था. हाल ही में विधानसभा में पूर्व मंत्री अनिला भेड़िया के सवाल पर महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े ने जवाब दिया कि ये योजना अभी चल रही है, लेकिन NDTV की टीम जब हकीकत जानने रायपुर, सूरजपुर, कांकेर, बालोद और जशपुर जैसे इलाकों में पहुंची, जहां महतारी जतन योजना की हकीकत सामने आई. दरअसल, इन जिलों में गरम भोजन देने की महतारी जतन योजना मार्च से बंद है.

7 महीने से क्यों बंद है महतारी जतन योजना

सबसे पहले NDTV की टीम रायपुर के कटोरा तालाब का आंगनबाड़ी केन्द्र पहुंची, यहां महिलाओं को रेडी टू ईट मिल रहे  हैं, जबकि गरम खाना नहीं दिया जा रहा है. इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुनीता निषाद ने बताया कि महतारी जतन योजना के तहत जिए जाने वाला गरम खाना मार्च से ही नहीं मिल रहा है. इस केंद्र में 8 गर्भवती महिला का नाम दर्ज है. कभी ज्यादा तो कभी कम भी संख्या रहती है. ये सभी रेडी टू ईट लेने आते हैं.

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वहीं गर्भवती हितग्राही पद्मा लांबा कहती है कि शुरुआती दिनों में मुझे गरम खाना दिया जाता था, लेकिन मार्च के बाद से ये नहीं मिल रहा है. अगर ये मिलता तो मेरे सेहद की फायदेमंद होती. 

एनडीटीवी की टीम रायपुर से लगभग 450 किलोमीटर दूर जशपुर पहुंची. लेकिन यहां भी पत्थलगांव के कोलढोढ़ी आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति रायपुर के कटोरा तालाब केंद्र के जैसी ही है. 

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पत्थलगांव के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनीता शर्मा ने बताया कि जब महिलाओं को पोषण आहार नहीं मिलेगा तो बच्चे कुपोषित होंगे. इसलिए इन्हें गरम भोजन मिलते रहना चाहिए.

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3 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं को नहीं मिल रहा गर्म भोजन

इतना ही नहीं महिला बाल विकास मंत्री के गृह ज़िले सूरजपुर में भी गर्भवती महिलाओं को गरम भोजन नहीं मिल रहा है. यहां लगभग सात महीने से ये योजना बंद पड़ी हुई है. 

सूरजपुर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उषा देवी कहती हैं कि मुख्यमंत्री सुपोषण योजना फिल्हाल सात महीनों से बंद है. गर्भवती महिलाओं को गर्म भोजन से फ़ायदा मिलता था. दाल, चावल, सोयाबीन बड़ी, गुड़ इत्यादि महिलाओं को दिया जाता था. अभी सिर्फ़ रेडी टू ईट ही वितरण किया जा रहा. 

बस्तर में भी हालात बाकी अन्य जिलों की तरह ही है. कांकेर के जनकपुर आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता का कहना है सिर्फ रेडी टू ईट दिया जा रहा है. फिलहाल गरम भोजन बंद है.

छत्तीसगढ़ में 17.76 प्रतिशत महिलाएं कुपोषण के शिकार

छत्तीसगढ़ में 52474 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, इन केंद्रों पर लगभग 3 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं को गर्म भोजन नहीं मिल रहा है.

बता दें कि प्रदेश में कुपोषण को दूर करने के लिए गर्म पोषण आहार देने की योजना शुरू हुई थी, लेकिन इसके वाबजूद प्रदेश में कुपोषण दर 17.76 प्रतिशत है. 

दरअसल, छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री अनिला भेडिया का सवाल था कि क्या महिला व बाल विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या पूर्व शासन काल में गढ़बो सुपोषित छत्तीसगढ़ के संकल्प को साकार करने के लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, महतरी जतन योजना के तहत गर्भवती महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार लाने के लिए आंगनबाड़ी में गर्भवती महिलाओं को गरम भोजन दिया जा रहा था और नियमित स्वास्थ्य जांच व टीकाकरण किया जा रहा था. क्या उक्त योजना बंद कर दी गई है? यदि हां तो कब से बंद है औऱ बंद करने के पीछे का क्या कारण है?

लक्ष्मी राजवाड़े का जवाब-  महतारी जतन योजना अब भी है चालू

हालांकि अनिला भेडिया के सवाल का जवाब देते हुए महिला व बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा था कि गर्भवती माताओं का नियमित स्वास्थ्य जांच व टीकाकरण कराया जा रहा है. हितग्राहियों की साम्यता का दृष्टि गत रखते हुए महतारी जतन योजना को मुख्यमंत्री  सुपोषण योजना में समाहित किया गया है. इस योजना को बंद नहीं किया गया है. 

महिला बाल विकास मंत्री का सदन में दिया गया जवाब उनकी नजर में ठीक हो सकता है, क्योंकि योजना कागजों में चल रही है,लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बंद हो चुकी है. कुपोषण से लड़ने का अभियान कमजोर पड़ रहा है, लेकिन अधिकारी मंत्री को गलत जानकारी दे रहे है ऐसे में मंत्री को खुद संज्ञान लेकर सुधार करना होगा.

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