PM आवास योजना में गजब फर्जीवाड़ा: रकम खा गए अधिकारी, सरकारी टीचर को पात्र बना ऐसे किया ढाई लाख का बंदरबाट

PMAY Scam: छत्तीसगढ़ जिले के जांजगीर जिले में सरकारी टीचर को प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पात्र बना दिया. इसके बाद राशि जारी कर दी गई. फिर किसी और पात्र का मकान दिखाकर रकम को बांट लिया.

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Pradhan Mantri Awas Yojana Scam: छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. नगर पंचायत के अधिकारी और कर्मचारियों ने मिली भगत से पीएम आवास योजना के पैसों को गटक लिया. उन्होंने सरकारी शिक्षक को आवास योजना का पात्र बनाया, जिसके बाद राशि जारी कर दी गई. कर्मचारियों ने बिना घर बनाए दूसरे पात्र का मकान दिखा दिया और पूरे रुपये खा लिए. भ्रष्टाचार के इस खेल में नगर पंचायत के पूर्व सीएमओ, लेखपाल, इंजीनियर, सहित आवास मित्र की भूमिका संदिग्ध हैं.

वहीं, पीएम आवास (PM Awas) के हितग्राही सरकारी शिक्षक दीपक गौराहा ने पीएम आवास योजना के तहत जारी की गई ढाई लाख रुपये की रकम को आधा-आधा बांटने की बात कबूली है. पूरा मामला जांजगीर के नगर पंचायत बलौदा का है, जहां प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) में फर्जीवाड़ा हुआ है.

कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?

प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य गरीब और बेघर परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराना है. इस योजना में शहरी क्षेत्र के पात्र लाभार्थियों को लगभग 2.5 लाख रुपये और ग्रामीण क्षेत्र के लाभार्थियों को 1.5 लाख रुपये की सहायता दी जाती है. लेकिन नगर पंचायत बलौदा में इस योजना का लाभ उन्हीं को दिया गया, जिनसे अधिकारी-कर्मचारी मोटा कमीशन ले सकें.

इस घोटाले में सरकारी शिक्षक दीपक गौराहा का नाम सामने आया है, जिन्हें सरकार से वेतन मिलने के बावजूद इस योजना का लाभ दे दिया गया.

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कौन हैं इस घोटाले के जिम्मेदार?

बलौदा नगर पंचायत में इस भ्रष्टाचार में कई अधिकारी-कर्मचारी संलिप्त हैं. इसमें मुख्य रूप से मुख्य नगरपालिका अधिकारी (CMO), नगर पंचायत में पदस्थ इंजीनियर, आवास मित्र और अन्य प्रशासनिक कर्मचारी शामिल हैं. इन लोगों ने पात्रता की अनदेखी कर शिक्षक को लाभार्थी बनाया और रकम को बंदरबांट कर लिया. यह घोटाला सिर्फ एक शिक्षक तक सीमित नहीं है, बल्कि कई अपात्रों को इसी तरह योजना का लाभ दिया गया है.

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आवास योजना में करते हैं घोटाले

नगर पंचायत में भ्रष्टाचार का यह खेल कोई नया नहीं है. ग्रामीण क्षेत्रों में जहां सरपंच और सचिव गरीबों के आवास राशि में हेराफेरी करते हैं, वहीं शहरी क्षेत्रों में नगर पंचायत के अधिकारी, इंजीनियर और आवास मित्र इस योजना को लूटने में लगे हैं. गरीबों के खातों में राशि आते ही दलालों का खेल शुरू हो जाता है, और जरूरतमंद परिवार अपने हक से वंचित रह जाते हैं.

एनडीटीवी की टीम ने जब नगर पंचायत के सीएमओ राधा चरण तिवारी से इस बारे में चर्चा की तो उन्होंने बताया कि यह मामले उनके कार्यकाल का नहीं है, लेकिन शिकायत के बाद इस पर जांच की जाएगी.

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