Chhattisgarh: आदिवासी युवक हत्याकांड में राजनीति हुई तेज, उग्र आंदोलन की दी गई चेतावनी

Ambikapur News: सर्व आदिवासी समाज ने फरार आरोपियों की सूचना देने पर पांच लाख का इनाम देने की घोषणा की. उन्होंने पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर भी असंतोष जाहिर किया.

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Sandeep Lakra Murder Case: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सरगुजा (Surguja) जिले में आदिवासी युवक (Adivasi Boy) संदीप लकड़ा (Sandeep Lakra) की हत्या को लेकर सियासत हर दिन गरमाती जा रही है. सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ (Sarv Adivasi Samaj, Chhattisgarh) ने हत्या के आरोपियों की सूचना देने पर पांच लाख रुपए का इनाम घोषित कर दिया है. वहीं, समाज ने पुलिस की कार्रवाई पर भी असंतोष जाहिर करते हुए आने वाले समय में उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है. आदिवासी समाज में मामले को लेकर नाराजगी की जानकारी समाज के अध्यक्ष ने पत्रकारों से चर्चा करने के दौरान दी.

अनिश्चितकालीन आंदोलन पर बैठे आदिवासी

संदीप लकड़ा हत्याकांड को लेकर सर्व आदिवासी समाज के अनिश्चितकालीन आंदोलन में शामिल होने के लिए सीतापुर पहुंचे सर्व आदिवासी समाज के प्रांताध्यक्ष सुभाष सिंह पोर्ते ने अम्बिकापुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि आदिवासी बाहुल्य राज्य के सरगुजा जिले में एक आदिवासी युवक की हत्याकांड छत्तीसगढ़ के सुशासन राज्य में एक बदनुमा दाग है. उन्होंने ने कहा कि इस जघन्य हत्याकांड का मुख्य आरोपी अभी भी फरार है, जो सीधे पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाता हैं. इसी के मद्देनजर सर्व आदिवासी समाज ने आरोपियों की सूचना देने वालों को पांच लाख रुपये का इनाम घोषित किया है. 

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आदिवासी समाज की प्रदेश उपाध्यक्ष ने लगाए गंभीर आरोप

युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव और सर्व आदिवासी समाज की प्रदेश उपाध्यक्ष शशि सिंह ने NDTV से खास बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि इस हत्याकांड में स्थानीय विधायक और पुलिस अधिकारियों की संलिप्तता है. उन्होंने कहा कि सरकार सर्व आदिवासी समाज की 8 सूत्रीय मांग में एक मांग भी नहीं मानी है, जो कहीं ना कहीं आदिवासियों को हल्के में लेने के समान है. उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासियों को हल्के में ना लें. आदिवासी एक थे और एक है.

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क्या था संदीप लकड़ा हत्याकांड

दरअसल, एक राजमिस्त्री दीपेश उर्फ संदीप लकड़ा निवासी ग्राम बेलजोरा सीतापुर थाना 7 जून से लापता हो गया था. जिसकी गुमशुदगी उसके परिजनों ने अगले दिन 8 जून को सीतापुर थाना में दर्ज कराई थी. लेकिन, लापता संदीप का कोई अता-पता नहीं लग रहा था. अंततः 21 जुलाई को सर्व आदिवासी समाज ने सीतापुर थाना का घेराव करते हुए थाने में ही आदिवासी समाज के लोग धरना पर बैठ गए. सीतापुर थाना क्षेत्र के ग्राम बेलजोरा निवासी दीपेश उर्फ संदीप लकड़ा राजमिस्त्री का काम करता था. वह उस दौरान सीतापुर के ग्राम उलकिया में सरकारी भवन के काम में कर रहा था. राजमिस्त्री का शव मैनपाट विकासखंड के ग्राम मुरैना में स्थित जल जीवन मिशन के तहत बनाई गई पानी टंकी के नींव से खोद कर बरामद किया गया.

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