प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने शनिवार को आईआईटी भिलाई (IIT Bhilai) के फेज-B का वर्चुअली शिलान्यास किया, जिसमें 2257.55 करोड़ रुपये की लागत आएगी. वहीं, छत्तीसगढ़ में पहला अनुसंधान पार्क भी बनाया जाएगा. इस दौरान पर PM मोदी ने सात अन्य आईआईटी पटना, इंदौर, जोधपुर, तिरुपति, पलक्कड़, धारवाड़ और जम्मू के चरण बी का भी उद्घाटन किया.
समारोह का सीधा प्रसारण आईआईटी भिलाई के नालंदा व्याख्यान कक्ष में किया गया, जहां छत्तीसगढ़ के तकनीकी शिक्षा मंत्री गुरु खुशवंत साहेब और अहिरवाड़ा के विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा मौजूद थे.
फेस-बी में जानिए क्या-क्या बनेगा
आईआईटी भिलाई चरण-B के तहत 2257.55 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है, जिसमें 1092 करोड़ रुपये परिसर निर्माण के लिए हैं. यह परियोजना 1,51,343 वर्ग मीटर निर्मित क्षेत्र को जोड़ेगी, जिसमें नए इंजीनियरिंग और विज्ञान विभाग, अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं, आईसीटी-सक्षम व्याख्यान कक्ष, छात्रावास, मेस हॉल, इनडोर खेल परिसर, ओपन एयर थिएटर, कैंटीन, खेल मैदान, आवासीय भवन, स्वास्थ्य केंद्र और खरीदारी परिसर शामिल हैं.
छात्रों की संख्या हो जाएगी दोगुनी
छात्रों की संख्या 1500 से बढ़कर 3000 हो जाएगी. विशेष रूप से 96 करोड़ रुपये की लागत से छत्तीसगढ़ का पहला अनुसंधान पार्क स्थापित होगा, जो अकादमिक-उद्योग सहयोग और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देगा. यह परियोजना अक्टूबर 2028 तक पूरी होगी.
पिछले साल में पूरा हुआ था पहला चरण
आईआईटी भिलाई को चरण-A के लिए 1,090.17 करोड़ रुपये मंजूर हुए थे, जिसके तहत 1,34,450 वर्ग मीटर का परिसर दुर्ग के कुटेलभाटा में बनाया गया. यह स्मार्ट, पर्यावरण-अनुकूल और छात्र-केंद्रित परिसर 20 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को समर्पित किया था. परिसर में स्मार्ट बिल्डिंग सिस्टम, वाई-फाई और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने वाली सुविधाएं हैं. मास्टर प्लान प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करते हुए तैयार किया गया है और इसे जीआरआईएचए की पांच सितारा रेटिंग सहित कई पुरस्कार मिले हैं.
आईआईटी भिलाई वर्तमान में 185 करोड़ रुपये की 300 से अधिक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं का नेतृत्व कर रहा है और 30 पेटेंट दायर किए हैं. संस्थान आईआईटी भिलाई नवाचार और प्रौद्योगिकी फाउंडेशन (आईबीआईटीएफ) की मेजबानी करता है, जिसे हाल ही में फिनटेक नवाचार के लिए श्रेणी-A हब के रूप में नामित किया गया. विद्या समीक्षा केंद्र, छत्तीसगढ़ ने 10 लाख गैर-मौजूद छात्र रिकॉर्ड हटाकर 40 करोड़ रुपये की बचत की. साथ ही, 19 करोड़ रुपये की लागत से 54 जनजातीय विकास परियोजनाएं चल रही हैं.
वर्तमान में 1,525 छात्र बीटेक, एमटेक, एमएससी और पीएचडी कार्यक्रमों में नामांकित हैं. चरण-बी के पूरा होने पर आईआईटी भिलाई शिक्षा, अनुसंधान और छत्तीसगढ़ के तकनीकी विकास में अग्रणी भूमिका निभाएगा.