PM Awas Yojana: एक अनार 15 बीमार; पीएम आवास में बड़ा घोटाला, जियो टैगिंग में कैसे हो गया खेला

PM Awas Yojana: एक ही घर की तस्वीर 15 आवासों में अपलोड कर अधूरे निर्माण कार्य को पोर्टल पर 'पूर्ण' दिखाया गया. देवभोग, मैनपुर और धुर्वागुड़ी जैसे क्षेत्रों में भारी गड़बड़ी मिली. 29 पंचायतों की जांच के बाद सामने आया सारा खेल.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
PM Awas Yojana: गरियाबंद में जियो टैगिंग के नाम पर हुआ खेला

PM Awas Yojana Fraud: गरियाबंद जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana) के तहत हुए जियो टैगिंग घोटाले ने प्रशासनिक गलियारों में भूचाल ला दिया है. जिन मकानों की नींव तक नहीं रखी गई थी, उन्हें सरकारी रिकॉर्ड में पूर्ण दर्ज कर फर्जीवाड़ा किया गया. और तो और एक ही मकान की फोटो को 15 अलग-अलग लाभार्थियों के नाम पर पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया. इस पूरे मामले की परतें खुलने के बाद सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं. इस जियो टैगिंग घोटाले को ही आधार बनाकर दो दिन पहले सरकार ने गरियाबंद जिला पंचायत के तत्कालीन सीईओ जी आर मरकाम को पद से हटा दिया. उनकी जगह सारंगढ़ से प्रखर चंद्राकर को गरियाबंद का नया जिला पंचायत सीईओ नियुक्त किया गया है.

पहले से ही सुर्खियों में थे मरकाम

हैरानी की बात यह है कि जीआर मरकाम को इस बार किसी और पद की जिम्मेदारी तक नहीं दी गई, जो प्रशासन की नाराज़गी का साफ संकेत है. जीआर मरकाम पहले से ही सुर्खियों में थे. ग्राम पंचायत सचिवों के सिंगल सिंगल तबादले को लेकर उनके फैसलों की कई बार आलोचना हुई. एक मामले में तो ऐसा हुआ था कि एक सचिव को वापस लाने के लिए ग्रामीण खुद सीईओ के पास पहुंच गए और उनके पैरों तक पकड़े थे. इस संवेदनशील मुद्दे को NDTV ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुखता से उठाया था, जिससे पूरे प्रशासन पर जनता की नाराज़गी साफ झलकने लगी थी.

Advertisement

कैसे खेला गया डिजिटल खेल?

एक ही घर की तस्वीर 15 आवासों में अपलोड कर अधूरे निर्माण कार्य को पोर्टल पर 'पूर्ण' दिखाया गया. देवभोग, मैनपुर और धुर्वागुड़ी जैसे क्षेत्रों में भारी गड़बड़ी मिली. 29 पंचायतों की जांच के बाद सामने आया सारा खेल.

Advertisement

अब आगे क्या?

सरकार ने सभी जिलों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि हर जियो टैगिंग का फील्ड वेरिफिकेशन अनिवार्य रूप से किया जाएगा. साथ ही समन्वयक की सेवा समाप्त करने के बाद अन्य जिम्मेदारों की सूची भी तैयार की जा रही है. गरियाबंद का ये घोटाला सिर्फ डिजिटल जालसाजी का मामला नहीं रहा, ये उस सिस्टम के उस चेहरे को दिखाता है, जिसमें फोटोशॉप से ज्यादा भरोसा हो गया है फील्ड वर्क से. अब सरकार की नजर सिर्फ टैगिंग पर नहीं, टैग लगाने वालों पर भी है.

Advertisement

यह भी पढ़ें : PM Awas Yojana: 5 साल में 10 लाख लोगों को मिलेगी पक्की छत, MP में पीएम आवास योजना शहरी 2.0 को मिली मंजूरी

यह भी पढ़ें : Malegaon Bomb Blast Case: 29 सितंबर 2008... दहल उठा था मालेगांव, 17 साल पहले हुए ब्लास्ट की कहानी

यह भी पढ़ें : Premchand Jayanti: उपन्यास सम्राट प्रेमचंद की जयंती; कलम के जादूगर की ऐसी है जीवनी, जानिए प्रमुख कहानियां

यह भी पढ़ें : Ladli Behna Yojana: लाडली बहनों को 1500 रुपए प्रतिमाह; CM मोहन का शगुन, जानिए कब आएगी 27वीं किस्त?