छत्तीसगढ़ के इस गर्ल्स हॉस्टल में भारी लापरवाही ! टॉयलेट-पानी की व्यवस्था नहीं

Chhattisgarh News in Hindi : छत्तीसगढ़ के MCB जिले में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के नाम पर भारी लापरवाही सामने आई है. ग्राम पंचायत बुंदेली में बिना भोजन, पेयजल व्यवस्था, टॉयलेट और बिस्तर के ही खस्ताहाल पुराने हाई स्कूल भवन के चार कमरों में गर्ल्स हॉस्टल चल रहा है.

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Chhattisgarh News in Hindi : छत्तीसगढ़ के MCB जिले में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के नाम पर भारी लापरवाही सामने आई है. ग्राम पंचायत बुंदेली में बिना भोजन, पेयजल व्यवस्था, टॉयलेट और बिस्तर के ही खस्ताहाल पुराने हाई स्कूल भवन के चार कमरों में गर्ल्स हॉस्टल चल रहा है. इस वजह से छात्राएं परेशान हैं और कई ने हॉस्टल छोड़ने का फैसला ले लिया है. जिले में 50 सीटर बालिका हॉस्टल का संचालन शुरू किया गया था, जिसमें मरवाही, केल्हारी, खड़गवां और मनेंद्रगढ़ ब्लॉक के दूर-दराज क्षेत्रों की 45 छात्राओं ने दाखिला लिया. हालांकि, हॉस्टल में शौचालय, पानी, बिस्तर और भोजन जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. इसके साथ ही, सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवाल की भी व्यवस्था नहीं है. इस स्थिति से अभिभावक चिंतित हैं और उनका यहां से मोह भंग हो गया है.

बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी

हॉस्टल खुले एक माह बीत चुका है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं की कमी के चलते आठ छात्राओं ने यहां से टीसी वापस ले ली है. वहीं, तीन छात्राएं हॉस्टल से छह किलोमीटर दूर ग्राम धवलपुर में अपने रिश्तेदारों के यहां रहकर पढ़ाई कर रही हैं और रोजाना वहीं से बुंदेली आना-जाना कर रही हैं. मरवाही ब्लॉक के ग्राम बेलझिरिया निवासी कक्षा 10वीं की छात्रा दिनेश्वरी ने बताया कि हॉस्टल में रहने और खाने की कोई व्यवस्था नहीं है, जिसकी वजह से वह अपनी मौसी के यहां रहकर पढ़ाई कर रही है.

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खस्ताहाल बिल्डिंग के भरोसे स्टाफ

मनेंद्रगढ़ ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत बुंदेली में नवीन शिक्षण सत्र में 50 सीटर नवीन प्री-मैट्रिक अनुसूचित जनजाति गर्ल्स हॉस्टल को बंद पड़े पुराने हाई स्कूल भवन में चलाया जा रहा है. खस्ताहाल भवन में कुल चार कमरे हैं, जहां पेयजल की कोई सुविधा नहीं है और केवल दो शौचालय हैं. सोने के लिए बिस्तर और किचन की कोई व्यवस्था नहीं है. भवन पुराना होने की वजह से बरसात के मौसम में छत से पानी टपक रहा है.

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बिना मरम्मत के हॉस्टल शुरू

एमसीबी कलेक्टर की तरफ से 24 मई 2024 को मनेंद्रगढ़ बीईओ, उप अभियंता आदिवासी विकास और मंडल संयोजक को नवीन हॉस्टल शुरू करने के लिए पत्र जारी किया गया था, जिसमें भवन में आवश्यक मरम्मत कार्य कराने के लिए कहा गया था. लेकिन, मरम्मत कराए बिना ही हॉस्टल का शुभारंभ कर दिया गया.

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मामले में क्या बोले जिम्मेदार ?

हॉस्टल की अधीक्षिका लीलावती बैगा ने बताया कि हॉस्टल में सिर्फ चार बिल्डिंग हैं, वह भी खस्ताहाल हैं और यहां बुनियादी सुविधाओं की कमी है. उन्होंने सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग को सुविधाओं की कमी के बारे में पत्र लिखा है. मंडल संयोजक संजय श्रीवास्तव ने बताया कि विभाग की तरफ से भवन में आवश्यक सुविधाओं और मरम्मत के लिए इस्टीमेट तैयार कर लिया गया है और 15 दिनों के अंदर बालिका हॉस्टल में ज़रूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

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