रायपुर में NDPS विशेष अदालत ने सुनाया फैसला, आठ नशे के सौदागरों को 10 से 15 साल की सजा

NDPS Special Court: रायपुर में एनडीपीएस की विशेष अदालत ने नशा का धंधा करने वाले आठ आरोपियों के खिलाफ फैसला सुनाया है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं.

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रायपुर में स्पेशल कोर्ट ने सुनाया फैसला

Raipur Special Court: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के रायपुर में नशीली दवाओं की तस्करी और अवैध कारोबार से जुड़े मामले में रायपुर की NDPS की विशेष अदालत ने सोमवार को आठ आरोपियों को दोषी ठहराते हुए कठोर सजा सुनाई है. विशेष न्यायाधीश पंकज कुमार सिन्हा ने अपने फैसले में कहा है कि नशे से जुड़े अपराध समाज पर गंभीर असर डालते हैं, इसलिए नशे के सौदागरों को कठोर दंड दिया जाना जरूरी है.

2022 में हुई थी कार्रवाई

बता दें कि साल 2022 में आजाद चौक पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इन आठ दोषियों के पास से भारी मात्रा में नशीली दवाएं जब्त की थीं. इसमें ट्रामाडोल कैप्सूल, अल्प्राजोलाम टैबलेट और कोडीन युक्त सीरप शामिल थे. पुलिस ने जो नशीला दवा जब्त की थी, उसकी मात्रा व्यावसायिक स्तर से कई गुना ज्यादा थी.

लाखों का जुर्माना भी लगाया

NDPS की स्पेशल कोर्ट ने नियाउद्दीन उर्फ विक्की, जे. भास्कर राव, रविन्द्र गोयल, मुकेश कुमार साहू, मोहम्मद हसन, साहिल हसन, आकाश विश्वकर्मा और विरल पटेल को सजा सुनाई है. सभी को NDPS की धाराओं के तहत 10 से 15 साल तक का सश्रम कठोर कारावास और 1 से 1.5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया है.

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विशेष लोक अभियोजक केके चंद्राकर ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस ने आरोपियों से करोड़ों रुपये कीमत का भारी मात्रा में नशीला पदार्थ जब्त किया था. मोहम्मद और साहिल हसन से एक लाख से ज्यादा ट्रामाडोल कैप्सूल, रविन्द्र गोयल और मुकेश साहू से हजारों कैप्सूल बरामद किए गए थे. नियाउद्दीन और भास्कर राव से टैबलेट और सीरप की खेप जब्त हुई थी.

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