24 हजार जवानों के सबसे बड़े ऑपरेशन से थर्राए नक्सली, एक सप्ताह में दूसरी बार भेजा शांतिवार्ता का प्रस्ताव

नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने हाल ही में एक पत्र जारी कर सरकार से शांति वार्ता के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने का आग्रह किया है. यह पत्र करेगुट्टा ऑपरेशन के बीच आया है, जिसमें नक्सलियों ने तीन अपने सदस्यों के मारे जाने की बात स्वीकार की है

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Anti Naxal Operation: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे सुरक्षाबलों के ऑपरेशन से नक्सल बैकफुट पर आ गया है. नक्सल संगठन 7 दिनों के भीतर दूसरी बार शांति वार्ता के लिए दूसरा पत्र यानी प्रस्ताव भेजा है और इस बार केंद्रीय नेतृत्व की ओर से पत्र आया है. यह प्रस्ताव करेगुट्टा ऑपरेशन के बीच नक्सलियों की ओर से भेजा गया है.

नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने यह पत्र भेजा है. पत्र में संगठन की तरफ से सरकारों से बार-बार शांति वार्ता का प्रस्ताव रखने और शांति वार्ता के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने का जिक्र किया गया है. पत्र में करेगुट्टा मुठभेड़ में तीन नक्सलियों के मारे जाने की बात भी स्वीकारी है. वहीं, सरकार से बिना शर्त छत्तीसगढ़ समेत झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र आदि राज्यों में एक समय सीमा में युद्ध विराम कर शांति वार्ता करने की मांग रखी है.

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नक्सलियों ने पत्र में क्या लिखा?

एक समयसीमा के साथ युद्ध विराम घोषित कर बिना शर्त के शांति वार्ता करें. जनवरी 2024 से केंद्र और राज्य सरकार, पुलिस, अर्धसैनिक व कमांडो बलों ने ऑपरेशन 'कगार' चलाकर सैकड़ों नक्सलियों की हत्याएं की हैं और यह अभी भी जारी है. इन हत्याओं के खिलाफ जनवादी क्रांतिकारी जन संगठन, सामाजिक संस्थाएं और क्रांतिकारी बुद्धिजीवी आंदोलन कर रहे हैं.

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उनकी मांग है ऑपरेशन 'कगार' पर फौरन रोक लगाई जाए. युद्ध विराम की घोषणा की जाए. सरकार और माओवादी मिलकर वार्ता के जरिए समस्या का हल निकालें. शांति वार्ता को लेकर केंद्रीय कमेटी के ओर से 28 मार्च को एक बयान जारी किया था. इसमें बताया कि सरकार के साथ शांति वार्ता करने के लिए हम तैयार है.

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