खूंखार नक्सली हिड़मा के गांव में CRPF ने खोला गुरुकुल, नक्सलवाद के खात्मे के साथ शिक्षा की अलख जगा रहे जवान

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के धुर नकिस प्रभावित इलाके और खूंखार नक्सली हिड़मा के गांव में शिक्षा की अलख जगी है. यहां फोर्स सुरक्षा के साथ-साथ बच्चों को शिक्षा भी दे रही है.

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CRPF Gurukul: सुकमा में CRPF ने हिड़मा के इलाके में खोला गुरुकुल

CRPF Gurukul Naxalites Hidma Village: छत्तीसगढ़ के सुकमा (Sukma) जिले के धुर नक्सल प्रभावित व खूंखार नक्सली हिड़मा (Hidma Area) के गांव पूवर्ती और टेकलगुडेम में शिक्षा की अलख जगी है. यहां पुलिस (Police) और सीआरपीएफ (CRPF) 150 बटालियन के सहयोग से एक स्कूल (CRPF School) खोला गया है. गुरुकुल (CRPF Gurkul) के नाम से पहली से पांचवीं तक के दो स्कूलों का संचालन किया जा रहा है. इन स्कूलों में गांव के बच्चों को शिक्षा (Education) से जोड़ने का प्रयास किया गया है.

40 सालों से नक्सलियों के कब्जे में था इलाका 

यह इलाका 4 दशकों से नक्सलवाद के कब्जे में था. बीते साल फरवरी के महीने में सुकमा पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण की अगुवाई में पूवर्ती में पुलिस कैंप खोला गया. अब यह कैंप सुरक्षा का न होकर विकास का कैंप हो गया है. इलाके में सुरक्षा व्यवस्था के साथ 5 किमी के रेडियस में बसे गांवों में बुनियादी सुविधाएं भी पहुंचाई जा रही हैं.

सालों से देश-दुनिया से कटे इन इलाकों की तस्वीर अब बदल रही है. शिक्षा के प्रति बच्चों में जागरूकता लाने गुरुकुल खोला गया है. महज तीन- चार माह के भीतर ही सुरक्षाबलों ने पूवर्ती और टेकलगुडेम में भवन का निर्माण कराया है. साथ ही बच्चों के खेलने के लिए विभिन्न प्रकार की सामग्रियां भी रखी गई हैं.

दरअसल छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में सुकमा पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त नेतृत्व में लगातार नए 'फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस' यानी सुरक्षा कैंप स्थापित किए जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ पुलिस और सीआरपीएफ मिलकर मार्च 2026 से पहले छत्तीसगढ़ सहित देश के सभी हिस्सों से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने की राह पर आगे बढ़ रहा है.

एसपी सुकमा किरण चव्हाण ने कहा कि आदिवासी बच्चों को बेहतर भविष्य देने की दिशा में सुकमा पुलिस और सीआरपीएफ काम कर रही है. पूवर्ती और टेकलगुडेम में नक्सलवाद के कारण सालों से इलाके में शिक्षा से वंचित बच्चों को सुरक्षा कैंप में गुरुकुल के नाम से स्कूल खोला गया है. नक्सलवाद का खात्मा शिक्षा से ही संभव है.

सुकमा जिले में पुलिस प्रशासन के अथक प्रयासों से विकास और विश्वास की नींव रखी जा रही हैं. नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात सुरक्षाबल के जवान अलग-अलग मोर्चों पर अपनी सेवा दे रहे हैं. एक तरफ नक्सलियों को खात्मे के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं, तो वहीं समाज से भटके आदिवासियों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए विभिन्न कार्यक्रम भी चला रहे हैं. इसके साथ ही जवान अब बच्चों के भविष्य को लेकर भी चिंतित नजर आ रहे हैं. 

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कैंप के नजदीक है स्कूल

साल 2024 में टेकलगुडेम और इससे आगे पूवर्ती में सुरक्षाबलों का संयुक्त कैंप स्थापित किया गया था. इसके बाद से इस इलाके को फोर्स ने अपने कब्जे में ले लिया. अब CRPF की 150वीं बटालियन ने आदिवासी बच्चों के एजुकेशन के लिए स्कूल बनाया है. यह स्कूल सुरक्षाबलों के कैंप के नजदीक ही है. 

150 बटालियन के जवानों ने अपने निजी संसाधनों का उपयोग करते हुए एफओबी टेकलगुडेम में एक आधुनिक सुविधाओं से युक्त मॉडल स्कूल की स्थापना की है.

यह स्कूल न केवल बच्चों के लिए शिक्षा का एक नया अवसर है, बल्कि समाज सेवा और शिक्षा के प्रति समर्पण को भी दर्शाता है. यहां नक्सल प्रभावित इलाके के बच्चों को पहली से लेकर पांचवीं तक की शिक्षा दी जा रही है.उनके लिए खेलों का भी प्रबंध CRPF ने किया है.

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