Chhattisgarh Hindi News: नारायणपुर के पंडी राम मंडावी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया है. यह पुरस्कार उन्हें पारंपरिक वाद्ययंत्र निर्माण और लकड़ी शिल्पकला में उनके अद्वितीय योगदान के लिए दिया गया है. पंडी राम मंडावी गोंड मुरिया जनजाति से संबंधित है और बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर को संजोते हुए उसे वैश्विक पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वह विशेष रूप से बस्तर बांसुरी (स्थानीय भाषा में 'सुलुर') के निर्माण के लिए प्रसिद्ध हैं.
उम्र और शिक्षा: 68 वर्षीय पंडी राम मंडावी ने 12-16 साल की उम्र में अपने पूर्वजों से यह कला सीखी.
कला और योगदान: उन्होंने लकड़ी पर उकेरी चित्रकारी, मूर्तियां और अन्य शिल्पकृतियों के माध्यम से बस्तर की कला को नई ऊंचाइयों तक पहुचाया.
अंतर्राष्ट्रीय पहचान: उनकी कला न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि विदेशों में भी बहुत सराही गई है.
सीएम की बधाई: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पंडी राम मंडावी को पद्मश्री पुरस्कार मिलने पर बधाई दी है और कहा है कि यह पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का क्षण है.
ष्ट्रपति भवन में आज आयोजित एक भव्य समारोह में रष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विभिन्न क्षेत्रं में उल्लेखनीय योगदान के लिए 71 व्यक्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया. इस वर्ष गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर कुल 139 हस्तियों को पद्म पुरस्कारों के लिए चुना गया था, जिन्हें दो चरणों में सम्मानित किया जा रहा है.
पहले चरण में आज 71 व्यक्तियों को पुरस्कार प्रदान किए गए, जबकि शेष 68 को अगले महीने सम्मानित किया जाएगा. इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति, गृह मंत्री अमित शाह कई प्रमुख राजनेता, गणमान्य व्यक्ति और अतिथि उपस्थित थे.
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