Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले सहित पालकी गांव का माहौल आज देशभक्ति और गर्व से सराबोर हो गया। भारतीय सेना में 24 साल सेवा कर चुके हवलदार सुखदेव दुग्गा जब सेवानिवृत्ति के बाद अपने गांव लौटे, तो नागर वासियों और ग्रामीणों ने उनका नायक की तरह भव्य स्वागत किया. पुष्पवर्षा, आरती और जयघोष से गूंजे माहौल में सुखदेव दुग्गा का स्वागत अभिनंदन हुआ.
2001 में सेना में हुए थे भर्ती
साल 2001 में भारतीय सेना के आर्टिलरी विभाग में भर्ती हुए सुखदेव दुग्गा ने जम्मू-कश्मीर समेत देश के कई मोर्चों पर अपनी सेवाएं दीं हैं. उस समय नारायणपुर नक्सलवाद के गहरे साए में था और सेना में भर्ती होना अपने आप में बड़ी चुनौती मानी जाती थी.
गांव लौटने से पूर्व जगदीश मंदिर परिसर में उनका पारंपरिक ढंग से स्वागत किया गया. पूजा-अर्चना के बाद सम्मान यात्रा निकाली गई, जिसमें जिलेभर से लोग शामिल हुए. जगह-जगह पुष्पवर्षा हुई और ग्रामीणों ने घर-घर आरती उतारकर उनका अभिनंदन किया. गांव के सहपाठी जागेश उसेंडी ने भी इसे पूरे जिले के लिए गर्व का क्षण बताया.
बच्चों ने तिरंगा लेकर किया अभिनंदन
वहीं बच्चों ने तिरंगे लहराकर अपने गांव के बेटे का अभिनंदन किया. अखिल भारतीय पूर्व सैनिक परिषद के संभाग प्रभारी ने कहा कि जिस दौर में सुखदेव दुग्गा सेना में भर्ती हुए थे, तब माहौल बेहद संवेदनशील था. आज उनके लौटने पर यह संदेश जाता है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र भी अब विकास और देशभक्ति की राह पर आगे बढ़ रहे हैं.
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