न बीमा, ना मुआवजा... कम संसाधनों में अपनी जान दांव पर लगा दूसरों की बचा रहे जिंदगी, बाढ़ में नगर सेना ऐसे कर रही काम

Flood in Kanker: कांकेर में बारिश के समय कई इलाके ऐसे हैं, जहां बाढ़ आ जाती हैं. बारिश के दौरान जिले के लगभग 66 गांव बाढ़ से प्रभावित होते हैं. अब यहां पर लोगों को बचाने के लिए नगर सेना के जवान देवदूत बनकर आते हैं.

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Chhattisgarh Flood Situation: न जोखिम भत्ता, न बीमा, ना मुआवजा... उसके बाद भी कांकेर जिले जिले में आई बाढ़ आपदा में कम संसाधनों के भरोसे अपनी जान दांव पर लगाकर प्रशिक्षित होम गार्ड की टीम लोगों की जान बचा रही है. प्रदेश में मानूसन की बारिश की शुरुआत हो गई है. पहली बारिश से नदी-नाले भर गए हैं. उत्तर बस्तर, कांकेर चारों ओर से नदियों से घिरा हुआ है. पहाड़ी नदियां होने के चलते अचानक से नदियों का जलस्तर बढ़ जाता है. जहां अक्सर लोग किसी कारणवश बाढ़ में फंस जाते हैं.

कांकेर जिले में बाढ़ एवं आपदा से निपटने के लिए जिले में नगर सेना (होम गार्ड) अमले के 20 जवानों को विशेष प्रशिक्षण देकर बाढ़ बचाओ दल तैयार किया गया है. पूरे वर्षाकाल के दौरान यह 24 घंटे टीम तैयार रहकर अलर्ट रहेंगी और सूचना मिलते ही तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना होंगी. बाढ़ आपदा से निपटने के लिए होमगार्ड अमले के पास केवल 1 बोट है. संसाधन की तो कमी है, फिर भी जवान अपनी जान दांव पर लगा के दूसरों की जिंदगी बचाते हैं.

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उपलब्ध हैं बचाव के ये सामान

होम गार्ड के जवानों ने बताया कि हमारे पास, लाइफ बॉय जैकेट, रिंक, बोर्ट, रस्सा की सुविधाएं हैं, जिनकी मदद से हम लोगों को बचाते हैं. डर तो हर इंसान को लगता है, लेकिन अगर कोई बाढ़ में डूब रहा है तो उसकी जान बचाना हमारा कर्तव्य है. बता दें कि जिले में बाढ़ आपदा आदि से निपटने के लिए फिलहाल होमगार्ड के पास 32 लाइफ जैकेट, 40 लाइफ बॉय, 14 ड्रेगन टॉर्च, 1 मोटर बोट, रस्से और रेन कोट और उपलब्ध हैं.

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बारिश में कई बड़ी नदियां होती हैं उफान पर

हालांकि यह सीमित संसाधन हैं. कांकेर जिले के 7 ब्लॉक में आधा दर्जन से अधिक बड़ी नदियों और दो दर्जन से अधिक नाले हैं, जो अक्सर बरसात के दिनों में उफान पर रहते हैं. बाढ़ आपदा से निपटने के लिए बनाई गई टीम के नोडल अधिकारी डिस्ट्रिक एसके मिश्रा बताते हैं कि संसाधनों को बढ़ाने के लिए कहा गया है, लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में हमारे पास इस वर्ष संसाधन बढ़े हैं. हमारे पास इस वर्ष 18 नई लाइफ जैकेट आई हैं. जरूरत पड़ने पर हम पड़ोसी जिलों से संसाधन मुहैया कराने का निवेदन करते हैं.

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जिले में 66 गांव बाढ़ प्रभावित

जिले में 66 ऐसे गांव हैं, जिन्हें बाढ़ प्रभावित के रूप में चिह्नित किया गया है. जिले में मानसून के पहुंचते ही नगर सैनिकों ने आपात स्थिति में बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए दुधावा बांध में तीन दिनों तक अभ्यास किया. नगर सेना में 22 प्रशिक्षित गोताखोर हैं, जो हमेशा बाढ़ में फंसे लोगों को मदद पहुंचाने के लए तैयार रहते हैं. जिले में 36 पहुंचविहीन ग्राम भी हैं, जो बारिश के दिनों में टापू बन जाते हैं क्योंकि वहां तक पहुंचने रास्ता नहीं होता है.

कलेक्टर ने दिए निर्देश

कलेक्टर नीलेश कुमार क्षीरसागर ने वर्षा ऋतु को देखते हुए बाढ़ एवं आपदा से बचाव के लिए पूरी तैयारी करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है. कलेक्ट्रेड में एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तैराक दल की व्यवस्था रखने और उनका मोबाल नंबर भी रखने के निर्देश दिए हैं.

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