Mukesh Chandrakar Case Study: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में हुए पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्याकांड को लेकर कई बड़े खुलासे हुए है. एसआईटी की टीम (SIT Team) ने मामले से संबंधित सभी आरोपियों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की है. इसके बाद टीम ने अपनी पहली रिपोर्ट जारी की है. मामले में आरोपियों के साथ-साथ 50 अन्य लोगों से भी पूछताछ की गई है. पूछताछ के दौरान सुरेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर और महेन्द्र ने पूरी वारदात की कहानी कबूल करी. इसमें एक चौंकाने वाला एंगल निकलकर सामने आया है कमरा नंबर 11 का. सुरेश ने अपने बाढ़े के कमरा नंबर 11 में घटना को अंजाम दिया था.
ये है कमरा नंबर 11 की पूरी सच्चाई
SIT की विस्तृत पूछताछ में यह तथ्य सामने निकलकर सामने आया कि स्व. मुकेश चंद्राकर सुरेश और अन्य आरोपियों का रिश्तेदार था. वह NDTV का पत्रकार था और इनके ठेका कार्य के विरूद्ध ही न्यूज लगा रहा था, जिससे इनके ठेका कार्य की जांच शुरू हो गई थी. इस बात से नाराज होकर सुरेश चन्द्राकर के साथ मिलकर रितेश चन्द्राकर और महेन्द्र रामटेके, जो इनका सुपरवाइजर था, ने मिलकर बाड़े के कमरा नंबर 11 में अंजाम दिया. दिनेश चन्द्राकर ने घटना के बाद रात में ही आकर साक्ष्य छुपाने और इनको फरार करने का प्लान था.
रातों रात गायब होने का था प्लान
सुरेश चन्द्राकर की पूर्व सुनियोजित योजना के मुताबिक सुरेश चन्द्राकर स्वयं को घटना के समय बाहर रखने की योजना बना रखा था, ताकि उस पर संदेह न हो. पुलिस ने मामले में बिना देर किए मर्ग और अपराध पंजीबद्ध कर लिया. जिसकी विवेचना के दौरान पुलिस ने तीन आरोपियों दिनेश चन्द्राकर और महेन्द्र रामटेके को बीजापुर से और रितेश चन्द्राकर को रायपुर एयरपोर्ट से हिरासत में लिया.
हत्या के हथियार बरामद
घटना में इस्तेमाल किए गए वाहन, मिक्सर मशीन, भागने में उपयोग किए गए वाहन, घटना में प्रयुक्त आला जरब लोहे एवं अन्य भौतिक साक्ष्यों को बरामद कर लिया गया. घटना में प्रयुक्त लोहे की राड व घटना से संबंधित अन्य भौतिक साक्ष्यों को इन्होंने नेलसनार नदी के किनारे जंगल झाड़ी में छुपा रखा था.
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तुमनार नदी में फेंका था मोबाइल
मुकेश की हत्या करने के बाद उसे कोई ट्रेस न कर सकें, इसलिए आरोपी रितेश चन्द्राकर, महेन्द्र रामटेके और दिनेश चंद्राकर ने साजिश के तहत मुकेश के दो मोबाइल को तुमनार नदी तक चालू हालत में रखकर, ताकि पुलिस की जांच पड़ताल में पुलिस को आखरी लोकेशन तुमनार नदी की मिले, पत्थरों से मोबाईल फोन को चकनाचूर कर नदी में फेंक दिया. फोन की तलाश अभी भी गोताखोर कर रहे हैं.
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