बच्चों के लिए हाथी से भिड़ी मां; लेकिन खुद को बचा ना सकी

छत्तीसगढ़ के एमसीबी जिले के ग्राम पंचायत ढाब में एक मां ने अपने बच्चों को बचाने के लिए हाथी से दिलेरी से मुकाबला किया। रात करीब 9 बजे जब हाथी ने घर पर हमला किया, तो उसने तुरंत बच्चों को छोड़कर खुद का बलिदान दे दिया। वन विभाग अब मामले की तलाश में है और परिवार को मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Mother Fights Elephant to Save Children: कहते हैं कि मां अपने बच्चों के लिए किसी भी हद तक जा सकती है, फिर चाहे मौत से ही क्यों न टकराना पड़े। ऐसा ही दर्दनाक और साहसिक मामला छत्तीसगढ़ के एमसीबी जिले के जनकपुर पार्क क्षेत्र के ग्राम पंचायत ढाब से सामने आया है। यहां एक मां ने अपने दो बच्चों की जान बचाने के लिए हाथी से भिड़ गई। उसने अपने बच्चों को तो बचा लिया, लेकिन खुद इस जंग में जिंदगी की बाजी हार गई।

जानकारी के मुताबिक, घटना रात करीब 9 बजे की है। ग्राम पंचायत ढाब निवासी इतवरिया पति हरि सिंह अपने दो बेटियों जानकी और रामकली के साथ घर में सो रही थी। तभी अचानक गांव में घुसे हाथी ने उसके घर को तोड़ना शुरू कर दिया। शोर सुनकर जब इतवरिया की आंख खुली, तो उसने देखा कि घर की दीवारें टूट रही हैं और हाथी दरवाजे तक पहुंच गया है।

बच्चों को बचाने के लिए जान पर खेल गई मां

इतवरिया ने घबराने के बजाय हिम्मत दिखाई। उसने तुरंत अपने दोनों बच्चों को गोद में उठाया और घर से बाहर भागने की कोशिश की। लेकिन जैसे ही वह बाहर निकली, हाथी ने उस पर हमला कर दिया। उसी वक्त उसने अपने बच्चों को गोद से दूर फेंक दिया, ताकि वे सुरक्षित रह सकें। बच्चों की जान तो बच गई, लेकिन इतवरिया खुद हाथी की चपेट में आ गई और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। घटना के समय उसका पति हरि सिंह और बड़ा बेटा गांव से बाहर रिश्तेदारी में गए हुए थे।

लगातार हो रही है हाथियों की आमद

स्थानीय लोगों के मुताबिक, इस इलाके में हाथियों की आमद लगातार बढ़ रही है। शंकर सिंह, लालसाय सिंह और सुनील सिंह बालंद ने बताया कि कई बार शिकायत के बावजूद वन विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता। न तो पहले से चेतावनी दी जाती है और न ही सुरक्षा इंतजाम किए जाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर विभाग ने पहले अलर्ट जारी किया होता, तो शायद यह हादसा टल सकता था।

Advertisement

ग्रामीणों के अनुसार, यही हाथी 1 अक्टूबर की रात को भी गांव में घुस आया था। उस समय उसने चार घरों को नुकसान पहुंचाया था। बावजूद इसके, वन विभाग ने निगरानी नहीं बढ़ाई। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

ये भी देखें- ASI की मौत का मामला; कमरे में संदिग्ध अवस्था में मिला शव, पुलिस जांच में जुटी

वन विभाग की सफाई और जांच

मौके पर पहुंची वनपाल नम्रता खजूर ने बताया कि उन्हें हाथी की आमद की कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि वे एक दिन पहले ही गांव के लोगों से मिली थीं, लेकिन किसी ने हाथी की हलचल की सूचना नहीं दी थी। फिलहाल पार्क परिक्षेत्र अधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। वन विभाग की ओर से पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

Advertisement