Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात' के 127वें संस्करण में छत्तीसगढ़ के नवाचारों और माओवाद खत्म करने की दिशा में हो रहे प्रयासों का जिक्र किया. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे प्रदेश के हर नागरिक के लिए सम्मान की बात बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा छत्तीसगढ़ की उपलब्धियों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिलना गर्व का क्षण है.
‘गार्बेज कैफे' बना मिसाल
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री ने खासतौर पर अंबिकापुर नगर निगम की नवाचारी पहल ‘गार्बेज कैफे' की तारीफ की. इस अनोखी व्यवस्था में लोग प्लास्टिक कचरा देकर बदले में भरपेट खाना पाते हैं. यह मॉडल स्वच्छता, पुनर्चक्रण और मानवता तीनों का बेहतरीन संगम है, जिसने प्लास्टिक मुक्त शहर की दिशा में पूरे देश के लिए उदाहरण पेश किया है.
माओवाद मुक्त छत्तीसगढ़ की दिशा में मजबूत कदम
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के उन इलाकों की चर्चा की, जहां कभी माओवादी आतंक का अंधेरा रहता था, लेकिन अब विकास की रोशनी पहुंच रही है. ‘ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि इस बार उन क्षेत्रों में भी दिवाली की खुशियां पहली बार मनाई गईं.
भारतीय नस्ल के श्वानों की बहादुरी पर गर्व
प्रधानमंत्री ने सुरक्षाबलों में भारतीय नस्ल के श्वानों को शामिल करने की बात को सराहा. मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित क्षेत्र में एक देशी श्वान ने 8 किलो विस्फोटक का पता लगाकर जवानों की जान बचाई. यह इस बात का प्रमाण है कि देशी नस्लें अधिक सक्षम और भरोसेमंद हैं.
प्रकृति संरक्षण और सामाजिक भागीदारी पर बल
‘मन की बात' में प्रधानमंत्री ने नागरिकों से ‘एक पेड़ मां के नाम' अभियान से जुड़ने का आह्वान किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ पर्यावरण अभियान नहीं, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव के साथ प्रकृति संरक्षण को जनआंदोलन बनाने का संदेश है.
जनजातीय परंपराओं और राष्ट्रभक्ति को मिला सम्मान
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा की स्मृति को याद करते हुए जनजातीय गौरव दिवस की महत्ता बताई. साथ ही 150 वर्ष पूरे कर रहे ‘वंदे मातरम' को देशभर में उत्सव के रूप में मनाने की बात भी रखी गई, जिससे हर नागरिक में राष्ट्रभक्ति की भावना और प्रबल होगी.
कार्यक्रम के बाद सीएम ने गायों को खिलाया चारा
‘मन की बात' सुनने के बाद मुख्यमंत्री साय ने पुंगनूर नस्ल की गायों को चारा खिलाया और उनकी विशिष्टताओं के बारे में जानकारी ली. यह विशेष नस्ल अपनी प्राकृतिक क्षमता और अनोखे गुणों के लिए जानी जाती है.