Aadhar Card केंद्रों पर सुविधा शुल्क के नाम पर भ्रष्टाचार उजागर, संचालक बोला- 3 आधार कार्ड के लगेंगे 4 हजार

Manendragarh-Chirmiri-Bharatpur: छत्तीसगढ़ के एमसीबी जिले में आधार कार्ड बनाने के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है. केंद्रों के ऑपरेटर 1 बच्चे पर 1000-1500 रुपये तक की वसूली कर रहे हैं.

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छत्तीसगढ़ के एमसीबी (Manendragarh-Chirmiri-Bharatpur) जिले के भरतपुर विकासखंड में आधार कार्ड (Aadhar Card) बनवाने के लिए पहुंच रहे लोगों से रुपयों की अवैध वसूली की जा रही है. मामला महिला बाल विकास कार्यालय जनकपुर का है. यहां आधार कार्ड बनाया जा रहा है और इसके लिए ग्रामीणों की काफी भीड़ लग रही है. ग्रामीणों की शिकायत है कि आधार कार्ड बनवाने के नाम पर पैसे की वसूली की जा रही है और यहां कोई रेट फिक्स नहीं है. किसी से डेढ़ सौ रुपये तो किसी से 300 रुपये लिए जा रहे हैं. वहीं कुछ ऐसे भी मामले भी सामने आए हैं, जहां कार्यालय में बैठे ऑपरेटर आधार कार्ड बनवाने के लिए एक बच्चे का 1000 रुपये लिए और तीन बच्चों के लिए 4000 रुपये की मांग की.

आधार कार्ड के नाम पर ऑपरेटर कर रहे हैं अवैध वसूली

आधार कार्ड केंद्रों पर कहीं पर भी यह अंकित नहीं है कि आधार कार्ड बनवाने का शुल्क आखिर कितना है? वहीं आधार कार्ड बना रहे ऑपरेटर अवैध वसूली कर रहा है.

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ऑपरेटर मुन्नीलाल से पूछा गया कि आधार कार्ड बनवाने का कितना रेट है तो जवाब मिला 150 से 300 तक. रेट सूची नहीं लगी है इसके जवाब में ऑपरेटर ने कहा कि इतना समय नहीं है कि रेट की सूची निकालकर लगाया जाए, सूची ऑनलाइन निकलती है, देख सकते हैं. इसके बाद वह अपने काम में व्यस्त हो गया.

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बच्चियों की उम्र ज्यादा, इसलिए 4000 लगेंगे

खमरौध के रहने वाले हीरालाल सिंह के बेटे नंदकुमार सिंह ने  कहा कि वो अपनी तीन बच्ची अंकिता, ललिता, सेतू का आधार कार्ड बनवाने के लिए महिला व बाल विकास कार्यालय पहुंचे थे. जहां बच्चों का आधार कार्ड बनवाने के लिए वहां बैठे व्यक्ति से बातचीत की गई. ऑपरेटर मुन्नीलाल ने 4000 रुपये की मांग करते हुए कहा कि बच्चों की उम्र ज्यादा है. इनका आधार कार्ड अभी तक नहीं बना है, इसलिए रिस्क लेकर आधार कार्ड बनायेंगे तो प्रति आधार कार्ड 1500 रुपये लगेंगे.

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1000-1500 रुपये तक की हो रही वसूली

ऑपरेटर मुन्नीलाल द्वारा नंदलाल की तीन बच्चियों के आधार कार्ड बनाने के लिए 4000 रुपये की मांग की गई, लेकिन नंदलाल की आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से उसके पास 1000 रुपये ही थे, जिसे उसने ऑपरेटर को दे दिया. तब ऑपरेटर ने बचे हुए 3000 रुपये लेने के लिए अपना फोन पे नंबर दिया और कहा कि जब रुपये पे हो जाएंगे तो उसके बाद तुम्हारे आधार कार्ड का काम चालू हो जाएगा.

नंदलाल ने कहा कि ऑपरेटर ने तीनों बच्चों का आधार कार्ड बनवाने के लिए फॉर्म ले लिया है, लेकिन 1000 रुपये देने के बाद एक ही बच्चे के कार्ड बनेंगे.

अब मामले की होगी जांच  

महिला बाल विकास अधिकारी जनकपुर प्रिय्तेश राजपूत ने कहा कि मामले की पूरी जानकारी नहीं है. मामले की जांच की जाएगी. आधार कार्ड बनाने का शुल्क डेढ़ सौ रुपये हैं, यदि 4000 रुपये की मांग की जा रही है तो ये गलत है. 

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