Malaria Case: बलौदा बाजार में मलेरिया का कहर, 172 मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप

Baloda Bazar Malaria Case: छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार में मलेरिया के 172 मामले मिले हैं, इनमें से 141 मरीज कसडोल विकासखंड में मिले हैं. वहीं मलेरिया के 172 मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है.

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Malaria Case in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के एक ब्लॉक में ही मलेरिया के बड़ी संख्या में केस मिलने से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है. हालात यह हैं कि स्वास्थ्य विभाग की टीम एक्टिव सर्विलांस के तहत पूरे ब्लॉक में अभियान चलाते हुए घर घर जाकर सर्वे की. साथ ही बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए दवाइयों का वितरण हुआ है. 

बलौदा बाजार जिले में मलेरिया के 172 मरीज मिले

बलौदा बाजार जिले में मलेरिया के 172 मामले मिले हैं, इनमें से 141 प्रकरण अकेले कसडोल विकासखंड में मिला है. वनांचल क्षेत्र कसडोल के गांवों में हर साल बड़ी संख्या में मलेरिया पॉजिटिव मिलते रहे हैं. पहुंच विहीन गांवों में ऐसी स्थिति निर्मित होती है कि मरीज जब तक जांच के लिए अस्पताल पहुंचता है तब तक उसकी मृत्यु हो जाती है. ऐसे में इस बार बारिश शुरू होते ही स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने एक्टिव सर्विलांस के तहत घर घर जाकर मलेरिया का सर्वे किया.

 स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप

बता दें कि इस मानसून सत्र में अब तक कसडोल में 141 मामले मलेरिया के मिले हैं. इसके बाद जिला अस्पताल से 23, बलौदा बाजार से 4, पलारी से 3 और भाटापारा से 1 प्रकरण दर्ज किए गए हैं. राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी अभिजीत बनर्जी ने बताया कि मामले सर्वे के माध्यम से खोज कर निकलने के साथ ही दवाइयों का वितरण किया गया है. गांव गांव में मितानिनों के माध्यम से मलेरिया पर नजर रखी जा रही है.

लोगों को बुखार आने की स्थिति में अस्पताल आने और रक्त जांच कराने की सलाह दी जा रही है. 172 मामले में प्लास्मोडियम वाइवेक्स (Plasmodium vivax) के 30 और प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम (plasmodium falciparum) के 142 मामले मिले हैं. दरअसल, का कसडोल विकासखंड के कई गांव जंगल में हैं, जहां जल जमाव होने से हर साल बड़ी संख्या में लोग मलेरिया पॉजिटिव मिलते हैं, इसलिए इस बार स्वास्थ्य विभाग ने एक्टिव सर्विलांस के तहत पहले ही सतर्कता बरतते हुए जांच की गई है, जिसमें यह संख्या आई है.

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कैसे बचाएं खुद को मलेरिया से?

मलेरिया रोग मच्छरों के कारण फैलता है. ऐसे में मच्छरों के बढ़ने वाले खासकर जल जमाव वाले जगहों को समाप्त करने से इस बीमारी से बचा जा सकता है. जिन जगहों पर पानी ज्यादा ठहरता है वहां पानी के सतह पर तेल डालना चाहिए. साथ ही जब भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें. इसे उपचारित जरूर करते रहें. साथ ही ताजा खाना खाएं, उबला हुआ साफ पानी पिएं.

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए छत्तीसगढ़ में मिलेगा प्रशिक्षण 

राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में जिला स्तरीय प्रशिक्षण 12 और 13 अगस्त को आयोजित किया जा रहा है. इसमें टास्क सर्वे के ऊपर प्रशिक्षण दिया जाएगा. बता दें कि जिले में सर्वे टीम की संख्या 24 है, जिसमें रुरल मेडिकल अस्सिटेंट, मेडिकल ऑफिसर, लैब टेक्नीशियन, आरएचओ, सीएचओ के साथ ही स्कूलों में ट्रेनिंग देकर शिक्षकों को नोडल बनाया गया है.

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पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों को हागी जांच

टीम में सदस्यों की संख्या 96 है. प्रशिक्षण बलौदा बाजार और भाटापारा में अलग-अलग दिया जाएगा. दरअसल, फाइलेरिया के रोकथाम के लिए 6 से 7 साल के बच्चे जो कक्षा पहली-दूसरी कक्षा में हैं उनकी जांच होगी, क्योंकि देखने को मिल रहा है कि फाइलेरिया रोग शरीर में बहुत धीरे धीरे से फैलती है और इसकी बढ़ने के बाद इसे ठीक नहीं किया जा सकता. ऐसे में अभिभावकों से कहा जा रहा है कि वो अपने बच्चों की जांच जरूर कराएं. मरीजों की संख्या पता लगाने के बाद दवाइयों का वितरण भी किया जाएगा.

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