छत्तीसगढ़ में महाजेनको की कोयला खदान तैयार, हज़ारों को मिलेगा रोज़गार, ये फायदे भी

Chhattisgarh News: गारे पेलमा सेक्टर-दो कोल माइंस परियोजना, ऊर्जा क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ स्थानीय समुदायों के जीवन स्तर में सुधार और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए एक संतुलित मॉडल के रूप में कार्य करेगी.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins

Chhattisgarh News: महाराष्ट्र राज्य बिजली उत्पादन कंपनी लिमिटेड (महाजेनको) द्वारा छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में विकसित की जा रही गारे पेलमा सेक्टर-दो कोल माइंस परियोजना को सरकार ने आवश्यक स्वीकृतियां दे दी हैं. अब यह कोयला खदान संचालन के लिए पूरी तरह तैयार है. यह परियोजना भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ राज्य में रोजगार और आधारभूत विकास के अवसरों को बढ़ावा देगी.

इस परियोजना के तहत लगभग 655.15 मिलियन टन कोयला भंडार का दोहन किया जाएगा और इसकी अधिकतम उत्पादन क्षमता 23.6 मिलियन मेट्रिक टन प्रति वर्ष है. परियोजना में कुल ₹7463 करोड़ का निवेश किया जा रहा है.

Advertisement

इसके साथ-साथ, संचालन की अवधि में छत्तीसगढ़ राज्य को लगभग ₹29 हजार करोड़ का राजस्व विभिन्न मदों जैसे कि रॉयल्टी, जिला खनिज निधि , जीएसटी और अन्य शुल्कों के रूप में प्राप्त होगा.

Advertisement

परियोजना के अंतर्गत लगभग 3 हजार 400 प्रत्यक्ष रोजगार सृजित किए जाएंगे. इसके अतिरिक्त क्षेत्र में खनन, परिवहन, निर्माण, खानपान, सुरक्षा, आपूर्ति श्रृंखला और अन्य सेवा क्षेत्रों में कई अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी मिलेंगे.

Advertisement

इस परियोजना को शुरू करने के लिए अनेक नियामकीय प्रक्रियाएं और मंज़ूरियां चरणबद्ध रूप से पूरी की गईं. वर्ष 2015 में कोल ब्लॉक का आवंटन भारत सरकार के कोयला मंत्रालय द्वारा महाजेनको को किया गया. खनन लीज़ के लिए वर्ष 2015 में आवेदन जमा किया गया और वर्ष 2016 में खनन योजना को स्वीकृति प्राप्त हुई. पर्यावरणीय स्वीकृति (EC) के लिए आवेदन 12 अप्रैल 2016 को प्रस्तुत हुआ और जनसुनवाई वर्ष 2019 में आयोजित की गई.13 अगस्त 2024  को EC स्वीकृति प्राप्त हुई.

 वन विभाग द्वारा स्टेज-I और स्टेज-II स्वीकृतियां क्रमशः 2 जून 2022 और 27 जनवरी 2023 को प्राप्त हुईं. अंतिम वन स्वीकृति 27 अगस्त 2024 को राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई. 

महाजेनको परियोजना क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्य प्रारंभ कर चुका है. इसके अतिरिक्त, भविष्य में भी विकास कार्य करने का प्रयास करेगा। इन प्रयासों में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, बुनियादी ढांचे का विकास, प्रशिक्षण, आजीविका सहायता और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देना शामिल है.

बुनियादी सुविधाओं तक बेहतर पहुंच

14 गांवों को प्रभावित करने वाली यह परियोजना एक समावेशी पुनर्वास और पुनर्स्थापन योजना के साथ लागू की जा रही है, जिसमें 3296 परिवारों को निर्धारित नीति के अनुरूप पुनर्वासित किया जाएगा. इन परिवारों ने अपने सामाजिक और आर्थिक उत्थान की दिशा में एक सकारात्मक कदम उठाते हुए इस प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भागीदारी की है, जिससे उन्हें बेहतर जीवनशैली, रोजगार के अवसर और बुनियादी सुविधाओं तक बेहतर पहुंच प्राप्त होगी.

पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता को ध्यान में रखते हुए, महाजेनको ने खनन परियोजना की पूरी अवधि के दौरान एक व्यापक पर्यावरण प्रबंधन योजना (EMP) के अंतर्गत हरित पट्टी विकास, वृक्षारोपण, जल संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण और खनन के बाद भूमि सुधार जैसे कार्यों के लिए महत्वपूर्ण निवेश का प्रस्ताव रखा है.

रायगढ़ जिला छत्तीसगढ़ की ऊर्जा राजधानी के रूप में जाना जाता है, जहां साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड  के तहत 4 सक्रिय कोल माइंस और 1 खदान विकास ऑपरेटर आधारित ओपनकास्ट परियोजना संचालित हैं। यह क्षेत्र कोयला उत्पादन में अग्रणी है और भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता में अहम योगदान देता है.

गारे पेलमा सेक्टर-दो कोल माइंस परियोजना, ऊर्जा क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ स्थानीय समुदायों के जीवन स्तर में सुधार और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए एक संतुलित मॉडल के रूप में कार्य करेगी.

महाजेनको यह महाराष्ट्र राज्य की प्रमुख बिजली उत्पादन कंपनी है, जो महाराष्ट्र राज्य बिजली मंडल सूत्रधारी कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है.महाजेनको की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 13,880.55 मेगावाट है, जिसमें से लगभग 73.5% (10,200 मेगावाट) उत्पादन थर्मल(कोयला )स्रोतों से होता है. यह भारत की सबसे बड़ी राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित बिजली उत्पादन कंपनी है।.महाजेनको द्वारा उत्पादित बिजली महाराष्ट्र के 2 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं को आपूर्ति की जाती है.

ये भी पढ़ें CM मोहन यादव ने विदेश जाने से पहले लिया बाबा का आशीर्वाद, पत्नी के साथ भस्म आरती में हुए शामिल

ये भी पढ़ें Video: बैल की तरह हल बांधकर खेत जुतवाया, Love मैरिज करने पर प्रेमी जोड़े को मिली अमानवीय सजा

Topics mentioned in this article