छत्तीसढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में रिश्तों को शर्मसार करने वाले पिता को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. आरोपी पिता पर अपनी ही नाबालिग बेटी को डरा धमका कर दुष्कर्म करने का आरोप था. जिसके बाद मामले में एडीजे पेंड्रारोड किरण थवाईत ने फैसला सुनाते हुए इसे मानवता को शर्मसार करने वाला मामला ठहराया और आरोपी पिता को पाक्सो एक्ट के तहत मरते दम तक कारावास की सजा सुनाई है.
दादा ने अपने ही बेटे के खिलाफ दर्ज करवाया था मामला
मामला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के गौरेला थाना क्षेत्र के गुम्माटोला गांव का है. जहां 22 जुलाई को नाबालिक लड़की के दादा ने अपनी ही बेटे के खिलाफ गौरेला थाने में दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था. पिता अपनी 10 साल की नाबालिग बेटी को डरा धमका कर दुष्कर्म और मार पीट करता था. 22 जुलाई को भी जब आरोपी ने नाबालिग पीड़िता से गलत काम किया तो पीड़ित ने पिता द्वारा किए गए दुष्कर्म की पूरी कहानी अपने दादा को बताई. जिसके बाद लड़की के दादा ने गौरेला थाने में पहुंचकर नाबालिक के पिता एवं अपने ही पुत्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई.
रिश्तो को शर्मसार कर देने वाले इस मामले में पुलिस ने दो दिनों के भीतर ही आरोपी बृजेश भैना को गिरफ्तार कर लिया था. आरोपी बृजेश भैना की पत्नी सात आठ साल पहले ही मर चुकी थी जिसके बाद उसने दूसरी शादी कर ली थी. जबकि बच्ची अपने पिता और दादा दादी के साथ रहती थी. पिता अक्सर शराब पीकर आता और बच्ची के साथ मारपीट करता था पर कुछ दिनों से गलत काम करने लगा था जिसकी जानकारी बच्ची ने अपने दादा को दी.