सरकारी ज़मीन को निजी करने का बड़ा खेल ! नप गई पूर्व तहसीलदार सहित 3 रिटायर्ड अफसर, हुआ ये एक्शन  

Korea News: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में सरकारी जमीन को ग्रामीण के नाम पर करने के मामले में तत्कालीन तहसीलदार सहित 3 अफसर नप गए हैं. जानिए क्या है पूरा मामला  ? 

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Chhattisagrh News: छत्तीसगढ़ के कोरिया में सरकारी ज़मीन को निजी करने का बड़ा खेल हुआ है. सागरपुर ग्राम पंचायत की जो जमीन 1975 में जल संसाधन के नाम दर्ज थी.जमीन वर्ष 2021 में तहसील के आदेश से ग्रामीण के नाम पर दर्ज कर दी गई. मामले का खुलासा होते ही कोरिया कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने तत्कालीन तहसीलदार समेत जल संसाधन विभाग के तीन रिटायर्ड अफसरों पर 15 दिनों के अंदर FIR दर्ज करने के निर्देश जल संसाधन विभाग के ईई को दिए हैं. 

ये है पूरा मामला 

दरअसल कोरिया जिले के बैकुंठपुर ब्लॉक के सागरपुर पंचायत में स्थित खसरा नंबर 442/2 रकबा 0.097 हेक्टेयर भूमि पूर्व में सिंचाई विभाग के नाम पर दर्ज रही. तत्कालीन तहसीलदार ऋचा सिंह के न्यायालय ने राजस्व प्रकरण में किशुन राम पिता हीरासाय रजवार के नाम दर्ज करने का आदेश साल 2021 में दिया था. सागरपुर के ग्रामीणों ने वर्तमान तहसीलदार के आदेश के तहत रिकॉर्ड दुरुस्त कराया था.

Advertisement
तत्कालीन तहसीलदार ऋचा सिंह ने राजस्व अधिकारी के मूल कर्तव्य का पालन नहीं किया. उन्हें अभिलेखों का अच्छे से परीक्षण करना था. शासकीय भूमि को कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर निजी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने जल संसाधन के तत्कालीन SDO आरसी सोनी व आरसी जैन और अमीन वैद्यनाथ शर्मा ने बिना दस्तावेज परीक्षण के प्रमाण-पत्र जारी किया. 

विनय कुमार लंगेह, कलेक्टर कोरिया

भूमि अधिग्रहण का रिकार्ड अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय गेज स्पिल-वे, बैकुंठपुर से मंगवाने पर पता चला कि खसरा क्रमांक 515 व 442/2 का अधिग्रहण कर मुआवजा संबंधित भूमि मालिक किशुन सहित अन्य को 23 दिसंबर 1977 को किया जा चुका है. इसके बाद कोरिया कलेक्टर ने बैकुंठपुर की पूर्व तहसीलदार ऋचा सिंह सहित जल संसाधन विभाग के तीन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश जल संसाधन विभाग के ईई को दिए. 

Advertisement
कलेक्टर ने प्रकरण में पूर्व में दिए गए तहसीलदार के आदेश को शून्य घोषित कर उक्त भूमि को जल संसाधन विभाग के नाम दर्ज करने आदेश दिया है. तत्कालीन तहसीलदार ऋचा सिंह अभी कटघोरा की SDM हैं. शिकायत पर कलेक्टर ने तहसील के प्रकरण को तलब किया. सुनवाई में जल संसाधन विभाग के वर्तमान ईई सुनील कुमार धमीजा व सीई राजेश कुमार इंदरवार ने बताया कि उनके पास भूमि अधिग्रहण का रिकॉर्ड नहीं है. 

भूमि पर बना है ग्राम पंचायत भवन 

ग्रामीणों ने 2022 में की गई शिकायत में बताया कि वह भूमि वर्ष 1975 से सिंचाई विभाग के नाम पर दर्ज है. इस भूमि पर पंचायत भवन बना है, जबकि राजस्व रिकार्ड में वह भूमि पंचायत भवन व खेल का मैदान के रूप में दर्ज है। तहसीलदार बैकुंठपुर मनहरण सिंह राठिया ने 22 फरवरी 2022 को राजस्व रिकार्ड दुरुस्त करने का आदेश दिया तो वह भूमि किशुन राम रजवार के नाम पर दर्ज हो गई। शासन द्वारा सागरपुर की भूमि 442/2 को किशुन राम के नाम दर्ज करने का आदेश 2 मार्च 2021 को जारी हुआ, तब ऋचा सिंह बैकुंठपुर तहसीलदार रही थी. प्रकरण में किशुनराम व सुखलाल ने शपथ-पत्र देकर बताया था कि उक्त भूमि का अधिग्रहण जल संसाधन विभाग द्वारा कभी नहीं किया गया. त्रुटिवश अभिलेख में जल संसाधन विभाग का नाम दर्ज हो गया है. मामले में न्यायालय ने दस्तावेजों के आधार पर आदेश जारी कर दिया.

Advertisement

ये भी पढ़ें अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल होंगी छत्तीसगढ़ की ये जातियां ? CM साय ने की ये पहल

ये भी पढ़ें Union budget 2024: आ गया उम्मीदों वाला बजट, होंगी कई घोषणाए

Topics mentioned in this article