कोरिया जिले के ग्राम पंचायत केनापारा के प्रगतिशील किसान भरत राजवाड़े इन दिनों लाल मूली की खेती से लाखों रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं. उनकी मेहनत और नवाचार ने पूरे इलाके में उन्हें एक मिसाल बना दिया है. लाल मूली की खेती से हुई सफलता को देखने और सीखने के लिए आसपास के गांवों से ही नहीं, बल्कि दूसरे जिलों से भी किसान यहां पहुंच रहे हैं.
भरत राजवाड़े बताते हैं कि लाल मूली सामान्य मूली से अलग होती है. यह रंग, स्वाद और बाजार मूल्य तीनों में खास है. इससे उन्हें हर सीजन में अच्छा लाभ मिल रहा है. भरत राजवाड़े ने NDTV की टीम से बात करते हुए बताया कि उन्होंने कुछ साल पहले पारंपरिक फसलों की जगह आधुनिक सब्जी खेती का रास्ता चुना था.
थोड़ी सी खेती से की शुरुआत
उन्होंने शुरुआत में कम जमीन में लाल मूली की खेती की थी, लेकिन जैसे-जैसे बाजार में मांग बढ़ती गई. उन्होंने खेती का क्षेत्रफल भी बढ़ा दिया. वे कहते हैं कि लाल मूली की खेती में अधिक मेहनत तो लगती है, लेकिन इसका परिणाम भी शानदार होता है. एक एकड़ जमीन से वे लाखों रुपये की आमदनी कर लेते हैं। भरत बताते हैं कि समय पर सिंचाई, जैविक खाद और उचित तापमान इस फसल की सफलता की कुंजी हैं.
पहले भी कर चुके हैं विदेशी सब्जी
इससे पहले भी भरत राजवाड़े पीला तरबूज, सफेद करेला और ब्रोकली जैसी विदेशी सब्जियों की खेती कर सुर्खियों में रह चुके हैं. इन फसलों से भी उन्होंने लाखों रुपये का मुनाफा कमाया था. वे कहते हैं कि अगर किसान परंपरागत सोच से बाहर निकलें और नई तकनीकों को अपनाएं तो खेती पूरी तरह लाभदायक साबित हो सकती है.
दूसरे किसानों को कर रहे प्रेरित
भरत राजवाड़े अब दूसरे किसानों को भी प्रेरित कर रहे हैं. वे उन्हें आधुनिक कृषि तकनीक, जैविक खेती और फसल चयन के बारे में जानकारी देते हैं. उनका कहना है कि खेती में अगर लगन, समझदारी और वैज्ञानिक तरीका अपनाया जाए तो किसान आत्मनिर्भर ही नहीं समृद्ध भी बन सकता है.
कोरिया जिले के इस किसान की लाल मूली की खेती अब एक उदाहरण बन चुकी है और दूर-दूर से लोग भरत राजवाड़े के खेतों को देखने उनसे सीखने और प्रेरणा लेने के लिए पहुंच रहे हैं.