Jhiram Ghati Attack Truth: झीरम घाटी हमले के 12 साल बाद कांग्रेस ने किया बड़ा खुलासा, सिंहदेव बोले- इन लोगों ने करवाई थी हमारे नेताओं की हत्या

Jhiram Ghati Attack 2013: झीरम घाटी की दर्दनाक घटना के 12 वर्ष पूरे होने पर कांग्रेस ने प्रदेश भर में शहीद दिवस मनाया. इस दौरा झीरम घाटी हमले को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने बड़ा बयान दिया. उनके इस बयान से राजनीतिक हलके में सनसनी मचा दी है. दरअसल, उन्होंने कहा है कि मैं स्पष्ट हूं कि झीरम घाटी हमला कोई नक्सली घटना नहीं थी. ये कांग्रेस नेताओं की जान लेने का सुनियोजित तरीके से रचा गया षड्यंत्र था.

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Jhiram Ghati Attack Bastar: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh  के बस्तर (Bastar) जिले की झीरम घाटी (Jhiram Ghati) में नक्सलियों (Naxalites ) ने 25 मई 2013 को कांग्रेस पार्टी (Congress Party) की 'परिवर्तन रैली' के दौरान कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हमला किया था, जिसमें तत्कालीन राज्य कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल (Nand Kumar Patel), पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा (Mahendra Karma) और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल (Vidyacharan Shukla) सहित 29 नेता व कार्यकर्ता व सुरक्षाकर्मी भी मारे गए थे. कांग्रेस ने पार्टी रविवार को 25 मई को इस घटना की बरसी पर अपने शहीद नेताओं को याद किया. 

इस मौके पर झीरम घाटी की दर्दनाक घटना के 12 वर्ष पूरे होने पर कांग्रेस ने प्रदेश भर में शहीद दिवस मनाया. इस दौरा झीरम घाटी हमले को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने बड़ा बयान दिया. उनके इस बयान से राजनीतिक हलके में सनसनी मचा दी है. दरअसल, उन्होंने कहा है कि मैं स्पष्ट हूं कि झीरम घाटी हमला कोई नक्सली घटना नहीं थी. ये कांग्रेस नेताओं की जान लेने का सुनियोजित तरीके से रचा गया षड्यंत्र था.

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एनआईए की कार्य प्रणाली पर भी उठाए सवाल

उन्होंने कहा कि घटना स्थल पर स्वर्गीय नंदकुमार पटेल का नाम पूछा जा रहा था. इससे पता चलता है कि नंदकुमार पटेल को मारने के उद्देश्य से इस घटना को षड्यंत्र पूर्वक अंजाम दिया गया था, जिसमें 29 लोगों की जान चली गई थी. सिंह देव ने आगे कहा कि मैंने जांच कमेटी के सामने भी इस बात को रखा है कि यह घटना कोई नक्सली हमला नहीं था. उन्होंने कहा कि मैं परिवर्तन यात्रा का प्रभारी था. बावजूद इसके NIA ने मुझे पूछताछ के लिए नहीं बुलाया. सिंहदेव ने आगे कहा कि नंदकुमार पटेल प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे. उस दौरान चुनाव के परिणाम को कांग्रेस के पक्ष में न आने वाले सोच के लोगों ने झीरम घाटी घटना को अंजाम दिया था. उन्होंने साफ-साफ कहा है कि झीरम घाटी कांड नक्सली नहीं, बल्कि एक राजनीतिक हमला था. 

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हमले के बाद जो खबर सामने आई थी. उसमें कहा गया था कि नक्सली कांग्रेस नेताओं के समूह पर घात लगाकर हमला करने के लिए वहां छिपे हुए थे. उन्होंने पहले आईईडी विस्फोट किया. इसके बाद उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी. इस दौरान नक्सलियों ने महेंद्र कर्मा को तलाशने लगे. गौरतलब है कि कर्मा नक्सलियों के खिलाफ  सलवा जुडूम (नागरिक मुहिम)चलाने के लिए जाने जाते थे. वे बस्तर में कांग्रेस पार्टी का चेहरा थे और नक्सलियों की हिट लिस्ट में थे.

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