Chhattisgarh News: पिछली सरकार द्वारा महिलाओं को रोजगार व आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से रूरल इंडस्ट्रियल पार्क बनाया गया था. जिसे रीपा योजना के नाम से जाना जाता है. जिसमें ग्रामीण महिलाओं को गांव में ही छोटे -छोटे कारखाना खोलने की योजना थी. जैसे गोबर से पेंट बनाना, सरसो की कच्ची घानी तेल, चिप्स, कुरकुरे बनाकर महिलाओं को सशक्त बनाने की योजना थी लेकिन ये योजना ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. जो महिलाओं ने साल भर उत्पादन कर सरकारी कार्यालय में पेंट का विक्रय किया था उसका भुगतान आजतक नहीं हुआ है. जशपुर (Jashpur) सहित पूरे प्रदेश में इस योजना का यही हाल दिख रहा है.
महिलाओं को गांव में ही रोजगार मुहैया कराने की थी योजना
दरअसल जनपद पंचायत बगीचा अंतर्गत जुरगुम में रीपा योजना के तहत महिलाओ को गांव में ही रोजगार मुहैय्या कराने के लिए कारखाने का निर्माण कराया गया था. यह योजना अब सफेद हाथी साबित हो रही है. पिछली कांग्रेस सरकार में इस योजना को प्रमुखता से धरातल पर लाने का प्रयास किया गया लेकिन सरकार जाते ही इस योजना में ताला लटक गया. स्वसहायता की महिलाओं ने बताया कि जशपुर जिले के बगीचा में संचालित एकमात्र कारखाने में एक साल काम कर गोबर से ऑयल पेंट बनाया था. उन्होंने बताया कि हमारे समूह में 22 महिला हैं. सभी ने जी तोड़ मेहनत कर प्रोडक्ट बनाया था जिसे सरकारी कार्यालयों में बेंच दिया गया था लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी आज तक हमारा भुगतान नही हुआ है.
जनप्रतिनिधि और अधिकारियों नहीं कर पा रहे समाधान
महिलाओं ने बताया कि हमारा गोबर बनाने वाली कारखाना बंद है और प्रशासन से हमको किसी भी प्रकार की कोई मदद नहीं मिल रही है. हम अपनी समस्या लेकर विधायक से अधिकारियों तक चक्कर काट रहे हैं लेकिन हमारी समस्या को सुनने वाला कोई नहीं है. जिससे हम समूह की महिलाओं को बेरोजगार होकर बैठना पड़ रहा है. और लागत भी नहीं मिल पा रही है.