Mansukh Mandaviya News: केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को कहा कि युवाओं ने हमेशा देश के कल्याण के लिए संकट के समय अपनी सेवाएं दी हैं और 2047 तक 'विकसित भारत' के सपने को साकार करने में उनकी भूमिका पर जोर दिया. इस दौरान उन्होंने जशपुर में राष्ट्रीय स्तर के स्पोर्ट स्टेडियम बनाने का भी ऐलान किया.
वह छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में पदयात्रा शुरू होने से पहले 'माटी के वीर पदयात्रा' समारोह को संबोधित कर रहे थे. यह कार्यक्रम 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में जनजातीय गौरव दिवस के हिस्से के रूप में आयोजित किया गया था.
खेल और युवा मामलों के मंत्री ने कहा, "युवाओं को जिस भी क्षेत्र में रुचि है, उसमें उत्कृष्टता हासिल करनी चाहिए, चाहे वह खेल हो या कला और संस्कृति. युवाओं को देश के लिए जीना चाहिए और इसके विकास में योगदान देना चाहिए. उन्हें विकसित भारत के सपने को साकार करने में योगदान देना चाहिए." उन्होंने कहा कि 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर 150 कॉलेजों के माई भारत स्वयंसेवकों द्वारा पदयात्रा का आयोजन किया गया है. उन्होंने कहा कि युवाओं को राष्ट्र निर्माण में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से उनके मंत्रालय द्वारा माई भारत प्लेटफॉर्म लॉन्च किया गया था. अब तक करीब 1.5 करोड़ युवा इस प्लेटफॉर्म पर अपना नामांकन करा चुके हैं.
‘जब भी जरूरत पड़ी, युवाओं ने मदद की'
माई भारत प्लेटफॉर्म के महत्व पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि माई भारत युवाओं के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनेगा, जहां युवा अपनी आकांक्षाओं को पूरा कर सकेंगे और विकसित भारत के निर्माण में योगदान दे सकेंगे. उन्होंने कहा, "जब भी जरूरत पड़ी, युवाओं ने मदद की है. युवाओं ने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी और कोविड-19 संकट के दौरान योगदान दिया. अपनी सुरक्षा के बारे में सोचे बिना युवाओं ने महामारी के दौरान जरूरतमंदों को भोजन, दवाइयां, मास्क पहुंचाए और टीकाकरण में अविस्मरणीय योगदान दिया." उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने में युवाओं की भूमिका पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि सेवा हमारी संस्कृति में है और हमें राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करना है.
सर्वसुविधायुक्त स्टेडियम का ऐलान
इस अवसर पर मंडाविया ने जशपुर में खेल सुविधाओं के विस्तार के लिए सर्वसुविधायुक्त स्टेडियम के निर्माण की घोषणा की और कहा कि जब भारत 2036 में ओलंपिक खेलों की मेजबानी करेगा और जशपुर का कोई खिलाड़ी उसमें खेलेगा तो उसे बहुत गर्व होगा.
‘आदिवासी संस्कृति सनातन संस्कृति का मूल स्रोत'
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने संबोधन में कहा कि आदिवासी संस्कृति सनातन संस्कृति का मूल स्रोत है और जब भी इस पर हमला हुआ है, आदिवासियों ने इसका प्रतिकार किया है. देश की आजादी के संघर्ष में आदिवासियों का योगदान अतुलनीय है. भगवान बिरसा मुंडा, शहीद वीरनारायण सिंह, वीर गुंडाधुर आदिवासी संघर्ष के प्रतीक हैं. एक समय था जब आदिवासी समाज विकसित था, लेकिन गुलामी के दौर में पिछड़ गया और उत्पीड़न और शोषण का शिकार हो गया. उन्होंने कहा कि अब यह समाज अपना गौरव पुनः प्राप्त करने की ओर अग्रसर है. समारोह के बाद बाला छापर गांव से 'माटी के वीर' पदयात्रा निकाली गई. यह पदयात्रा आठ किलोमीटर की दूरी तय कर रणजीता स्टेडियम में समाप्त होगी. इस पदयात्रा में मंडाविया, साय और राज्य के मंत्रियों ने हिस्सा लिया. इस पदयात्रा में एमवाई भारत के करीब 10,000 स्वयंसेवक शामिल हुए.
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