CM Sai in Bastar: आजादी के 78 साल बाद छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर क्षेत्र के उन गांवों में तिरंगा शान से फहराया गया, जिसे अब तक नक्सलियों का कोर गढ़ माना जाता रहा है. स्वतंत्रता दिवस 2025 (Independence Day) के अवसर पर बीजापुर, नारायणपुर और सुकमा जिलों के 29 गांवों में पहली बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया. दशकों से बंदूकों की नली और डर के साये में जी रहे इन गांवों में तिरंगे का फहराया जाना केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि बदलते बस्तर की ऐतिहासिक तस्वीर है.
बस्तर में लहराया तिरंगा
सीएम साय ने दी बधाई
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस मौके पर कहा कि यह उपलब्धि हमारी सुशासन की सरकार के उस संकल्प का परिणाम है, जिसमें नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति और विकास की नई धारा प्रवाहित करने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने कहा, 'बस्तर अब भय और हिंसा से बाहर निकलकर प्रगति, समृद्धि और विश्वास की ओर बढ़ रहा है. सरकार का वचन है कि हर गांव तक विकास की रोशनी पहुंचेगी और कोई भी नागरिक विकास की रोशनी से अछूता नहीं रहेगा.'
नए बस्तर की तस्वीर
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स्थानीय समुदायों के धैर्य का परिणाम - डिप्टी सीएम विजय शर्मा
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इसे सुरक्षा बलों की मेहनत और स्थानीय समुदायों के धैर्य का परिणाम बताया. उन्होंने कहा कि आज जिन गांवों में तिरंगा फहराया गया, वहां दशकों तक लाल झंडे का खौफ छाया रहा. यह बस्तर में नई सुबह का प्रतीक है. केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बस्तर के विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है. पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षा बलों की नई रणनीति, शिविरों की स्थापना और लगातार दबाव के चलते नक्सली कैडर कमजोर हुआ है. आत्मसमर्पण नीतियों ने बड़ी संख्या में उग्रवादियों को मुख्यधारा में लौटाया है.
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