CG News: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में जल संसाधन विभाग की नहर की जमीन पर अवैध कब्जे का मामला लगातार गंभीर होता जा रहा है. बताया जा रहा है कि विभाग की जमीन को फर्जी तरीके से हड़पकर वहां कॉलोनी बसा दी गई है. जल संसाधन विभाग ने इस संबंध में सिटी कोतवाली में शिकायत भी दर्ज कराई है, लेकिन अब तक नहर से अतिक्रमण हटाने की कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है.
विभाग की लापरवाही के चलते नहर के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है. बैकुंठपुर क्षेत्र के झुमका, गेज समेत कई इलाकों में नहरों पर अवैध कब्जे की भरमार है. वर्षों से यह समस्या बनी हुई है लेकिन न तो किसी का कब्जा हटाया गया और न ही विभाग ने कोई सख्त कदम उठाया. खासकर हर्रापारा क्षेत्र में तो स्थिति और भी चिंताजनक है, जहां गेज नहर पर आंगनबाड़ी भवन बना दिया गया है. इसके आसपास लगभग आधे किलोमीटर तक नहर पूरी तरह गायब हो चुकी है. नहर पाटे जाने से खेतों तक सिंचाई का पानी नहीं पहुंच पा रहा है, जिससे खरीफ और रबी की फसलें प्रभावित हो रही हैं. किसानों की मेहनत बर्बाद हो रही है.
क्या कहते हैं अधिकारी?
इस मामले पर जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता ए. टोप्पो का कहना है कि नहर पर अवैध कब्जे की जानकारी विभाग को मिली है. संबंधित लोगों को कई बार नोटिस दिया जा चुका है और एसडीएम कार्यालय से अतिक्रमण हटाने के लिए पत्र भेजा गया है. उनके अनुसार नहर पर आंगनबाड़ी बनाने की न तो अनुमति दी गई है और न ही इसके लिए विभाग से कोई स्वीकृति ली गई है. विभाग ने गेज नहर के नवीनीकरण को बजट में शामिल कर लिया है और अब निविदा की प्रक्रिया चल रही है. निविदा होने के बाद कार्य शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे अतिक्रमण की जानकारी मिलती है, विभाग नोटिस जारी कर कार्रवाई की प्रक्रिया अपनाता है.