Bilaspur Crime News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर जिले का लोफंदी गांव अवैध कच्ची शराब (Illegal Liquor) के कारोबार का बड़ा अड्डा बन चुका है. इस गांव में हर दिन करीब 50 लीटर कच्ची शराब गैरकानूनी तरीके से सप्लाई की जाती है. इसके बाद खुले में उसे 40 से 50 रुपये प्रति 250 ग्राम की कीमत पर बेच दिया जाता है. इसका खुलासा खुद लोफंदी के रहने वाले लोगों ने 9 संदिग्ध मौतों की पड़ताल के लिए पहुंची एनडीटीवी (NDTV) की टीम के सामने किया. ग्रामिणों ने बताया कि किस तरह से सालों से गांव में अवैध शराब का कारोबार फल-फूल रहा है.
Illicit Liquor Deaths Bilaspur: जानलेवा 'शराब' ने दिए इस गांव को दंश
Photo Credit: Nilesh Tripathi
एक के बाद एक हुईं 9 मौतें, सभी के लक्षण एक जैसे
लोफंदी गांव में 5 फरवरी से 9 फरवरी के बीच 9 व्यक्तियों की संदिग्ध मौत हो चुकी है. मृतकों में मौत से पहले एक जैसे ही लक्षण थे. इतना ही नहीं मृतकों के परिवार वालों के मुताबिक सभी आदतन शराबी थे. शराब पीने के बाद ही सबकी तबीयत बिगड़ी. फिर एक के बाद एक कर 5 दिनों में 9 की मौत हो गई. कुछ बीमार लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है. पुलिस-प्रशासन स्तर पर मामले की जांच चल रही है.
आसानी से मिल जाती है अवैध शराब
9 फरवरी को इलाज के दौरान मरने वाले 39 वर्षीय पवन कश्यप की मां शकून कश्यप कहती हैं 'गांव में अवैध शराब बहुत दिन से बिक रही है, यहां सभी ओर शराब बिकती है. खुले में महुआ शराब बेची जाती है. आसानी से शराब उपलब्ध होने के कारण युवाओं में भी नशाखोरी बढ़ रही है. हमारे बच्चे शराब पीकर घर आ जाते हैं.' पड़ताल करते हम एक मृतक कोमल लहरे के घर पहुंचे. मृतक की पत्नी कुमारी लहरे व उनकी बेटी मधु ने बताया कि उनके पिता कोमल शराब पीने के आदी तो थे ही, वो खुद भी अवैध रूप से शराब बेचते थे. कुमरी लहरे कहती हैं 'वो पीने के लिए लाते थे और उसे बेचते भी थे. उपलब्धता के अनुसार कभी 40 तो कभी 50 रुपये प्रति पाव यानी 250 ग्राम रुपये लेते थे.' कोमल की बेटी मधु कहती हैं कि 'हमने उन्हें मना भी किया था कि ये काम छोड़ दें, लेकिन वो नहीं माने.' गांव के निवृत्मान सरपंच रामाधर सुनहले भी लोफंदी में अवैध रूप से शराब बेचे जाने की पुष्टि करते हैं. सवालों के जवाब तलाशते हमें पता चला कि गांव में ही 10 से ज्यादा लोग अवैध रूप से महुआ शराब बेचने के गैरकानूनी कारोबार से जुड़े हैं.
Illicit Liquor Deaths Bilaspur: कौन ले रहा है गांव वालों की जान?
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कहां से आती है अवैध शराब?
5 से 9 फरवरी के बीच लोफंदी के जिन 9 लोगों की मौत हुई, उनमें बलदेव पटेल भी शामिल हैं. बलदेव के बेटे परमेश्वर पटेल कहते हैं-'गैलेन में शराब लेकर कोचिया लोग आते हैं. गांव में सक्रिय शराब बेचने वाले लोग उनसे शराब लेकर घर में ही डब्बे या बर्तन में रख लेते हैं. फिर खुली पन्नी या गिलास में चिल्हर में शराब देते हैं. कोई एक पाव तो कोई आधा लीटर शराब जरूरत के हिसाब से लेता है. एक अन्य मृतक कन्हैया पटेल के भतीजे रामायण ने भी इस बात की पुष्टि की. अन्य ग्रामीणों ने भी गांव में इसी तरह से खुली कच्ची शराब का कारोबार होना बताया. बातचीत में हमें पता चला कि गांव में रोजाना लगभग 50 लीटर कच्ची अवैध शराब की सप्लाई होती है. अब हमने जानने की कोशिश की कि गांव में अवैध शराब आती कहां से है?
Illicit Liquor Deaths Bilaspur: पुलिस जांच जारी
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पुलिस का क्या कहना है?
गांव के निवृत्तमान सरपंच रामाधर सुनहले का कहना है कि 'शराब का अवैध कारोबार तो कई दिनों से चल रहा है, शिकायत भी की गई है, कार्रवाई भी हुई है, गांव के कुछ लोग जेल भी गए हैं, सजा काट के आए हैं, पुलिस कार्रवाई करती है.' लेकिन रिश्ते में रामाधर की भतीजी पूर्णिमा का का कहना है-'अवैध शराब के कारोबार का शिकायत करते हैं, लेकिन पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती है. लगातार शिकायत होने पर पुलिस वाले आते हैं, कुछ दिन बंद रहता है. फिर सप्ताहभर में शराब की अवैध बिक्री शुरू हो जती है.' मृतकों के परिवार वालों के अलावा अन्य ग्रामीण भी यही बताते हैं. बिलासपुर के अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक राजेन्द्र जायसवाल ने मामले में जांच की बात कही है.
Illicit Liquor Deaths Bilaspur: 'जहरीली शराब' की त्रासदी से गांव परेशान
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सियासत भी तेज
लोफंदी में संदिग्ध मौतों और शराब को लेकर सियासत भी तेज है. एक के बाद एक हुई मौतों के मामले में कांग्रेस का एक जांच दल गांव पहुंचा और पीड़ितों से बातचीत की. जांच दल के सदस्य विजय केशरवानी कहते हैं कि 'सिर्फ और सिर्फ शराब, वो भी जहरिली शराब की वजह से मौतें हुई हैं. सवाल यह उठता है कि राज्य में शराब बेचने का काम सरकार करती है. ऐसे में अवैध व जहरीली शराब कहां से आई. अवैध शराब बन रही है तो कहां बन रही है. सरकार इसे नियंत्रण करने में पूरी तरह फेल है.'
Illicit Liquor Deaths Bilaspur: मौतों की सच्चाई का है इंतजार
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लोफंदी में अवैध शराब के कारोबार व मौतों पर राज्य के उपमुख्यमंत्री व बिलासपुर के प्रभारी मंत्री अरुण साव का कहना है कि 'छत्तीसगढ़ में अवैध शराब का कारोबार कांग्रेस की देन है. नशे का अवैध कारोबार कांग्रेस की सरकार में फला-फूला, हमारी सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है.
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