Balod Farmer: मैं जिंदा हूं साहब...कलेक्ट्रेट पहुंच किसान ने लगाई गुहार, कृषि विभाग की बड़ी लापरवाही हुई उजागर

PM Kisan Samman Nidhi Beneficiaries: कलेक्ट्रेट पहुंचकर खुद के जिंदा होने की गुहार करने वाले किसान को वर्ष 2021 के बाद से पीएम किसान सम्मान निधि की राशि मिलनी बंद हो गई और उक्त राशि हमनाम किसी मृत व्यक्ति के परिजनों के खाते में जा रही थी. यह चूक आरईओ की फिजिकल वेरिफिकेशन लापरवाही से हुई.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
पीड़ित किसान खिलानंद साहू

PM Kisan Samman Nidhi: बालोद जिले में मंगलवार को एक अजीबोगरीब मामला सामने आया जब एक पीड़ित किसान कलेक्ट्रेट पहुंचकर खुद के जिंदा की गुहार करने लगा. पूरा मामला विभागीय लापरवाही से जुड़ा बताया जा रहा है, जिसमें वेरिफिकेशन करने वाले अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. इससे पीड़ित किसान को पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में मिलने वाली राशि तीन साल पहले अचानक मिलनी बंद हो गई.

कलेक्ट्रेट पहुंचकर खुद के जिंदा होने की गुहार करने वाले किसान को वर्ष 2021 के बाद से पीएम किसान सम्मान निधि की राशि मिलनी बंद हो गई और उक्त राशि हमनाम किसी मृत व्यक्ति के परिजनों के खाते में जा रही थी. यह चूक आरईओ की फिजिकल वेरिफिकेशन लापरवाही से हुई.

2021 के पूर्व पीड़ित किसान को मिल रही पीएम किसान सम्मान निधि की राशि 

रिपोर्ट के मुताबिक गुरुर ब्लॉक के ग्राम भोथली निवासी किसान खिलानंद साहू पिता जीवनलाल साहू को 2021 के बाद से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि नही मिल रही हैं. 2021 के पूर्व उन्हें सम्मान निधि राशि प्राप्त हो रही थी. 29 जुलाई 2019 को इनका पीएम किसान सम्मान निधि राशि के लिए रजिस्ट्रेशन हुआ था.

पीड़ित ख़िलानंद साहू को प्राप्त हुई किसान सम्मान निधि की कुल 5 किश्त

पीड़ित किसान ख़िलानंद साहू पिता जीवन लाल साहू को 2019 मे रजिस्ट्रेशन के बाद अब तक कुल 5 किश्त किसान सम्मान निधि की प्राप्त हुई है, लेकिन 2021 के बाद से इन्हें राशि खाते में मिलनी बंद हो गई. जिसकी जानकारी के लिए ख़िलानंद साहू ने जब गुरुर के कृषि विस्तार अधिकारी मिले और अपनी व्यथा बताई.

आरईओ वेरिफिकेशन के दौरान पहुंचे मृत खेलानंद साहू के पुत्र ने किया खेल

पीड़ित किसान खिलानंद साहू ने जब आरईओ से किसान सम्मान निधि नहीं मिलने के बारे में पूछा तो झटका लगा. आरईओ ने उसे बताया कि ख़िलानंद साहू पिता बुधारू राम साहू की मृत्यु कोरोना काल के दौरान 2020 में हो गई थी. दरअसल, वेरिफिकेशन के लिए आए मृत ख़िलानंद साहू के पुत्र ने रजिस्ट्रेशन में दर्शाए गए मोबाइल नम्बर पिता का होना बताया था.

Advertisement

पीएम किसान सम्मान निधि रजिस्ट्रेशन में दर्ज था पीड़ित खिलानंद साहू का नंबर

पीएम किसान सम्मान निधि रजिस्ट्रेशन में दर्ज नम्बर ख़िलानंद साहू पिता जीवन लाल साहू का है. इसमें आरईओ द्वारा की बड़ी लापरवाही हुई, जिसकी वजह से किसान सम्मान निधि की राशि ख़िलानंद साहू पिता जीवन लाल साहू के खाते में न जाकर मृत ख़िलानंद साहू पिता बुधारू राम साहू के परिजनों के खाते में जा रही है.

पीड़ित किसान खिलानंद साहू ने जनदर्शन में कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर पीएम किसान सम्मान निधि राशि दिलाने की मांग की है. आरोप लगाया कि कृषि विभाग द्वारा उनका नाम काट दिए जाने से पिछले तीन सालों से धनराशि नहीं मिले. उसने दोबारा उसका नाम जोड़ने मांग की हैं.

2021 से पीएम किसान सम्मान निधि के लिए कार्यालय के चक्कर लगा रहा है किसान

आरईओ के भारी लापरवाही का नतीजा कहेंगे कि पीड़ित किसान खिलानंद साहू 2021 से सम्मान निधि की राशि का पात्र होने के बावजूद कृषि विभाग के चक्कर पे चक्कर लगा रहा है और अंततः 3 वर्ष बाद हारकर उसने कलेक्टर जनदर्शन में न्याय की गुहार लगाते हुए, खुद के जिंदा होने का प्रमाण दिया.

Advertisement

पीड़ित किसान ख़िलानंद साहू ने जनदर्शन में कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

किसान ख़िलानंद साहू पिता जीवन लाल साहू ने जनदर्शन में कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि राशि दिलाने की मांग की. किसान ख़िलानंद साहू ने आरोप लगाया कि कृषि विभाग द्वारा सम्मान निधि से उनका नाम काट दिए जाने से उसे तीन सालों से पैसे नहीं मिले. पीड़ित ने दोबारा नाम जोड़ने और राशि दिलाने की मांग की हैं.

 आरईओ ने दी सफाई, फिजिकल वेरिफिकेशन में दो हमनाम से हुआ कंफ्यूजन

पूरे मामले में कृषि विभाग के आरईओ केडी साहू ने बताया कि 2021 का मामला है. उन्होंने बताया कि फिजिकल वेरिफिकेशन के दौरान दो हमनाम व्यक्ति सामने आए थे, जो लिस्ट भेजा गया, उसमें सिर्फ कृषक का नाम था, मोबाइल नम्बर था,  लेकिन पिता का आधार नम्बर नहीं था.

Advertisement
पीड़ित किसान ने जब आरईओ से किसान सम्मान निधि नहीं मिलने के बारे में पूछा तो उसे झटका लगा. उसे बताया गया कि 2020 में ख़िलानंद साहू की मृत्यु कोरोना काल में हो गई और मृत ख़िलानंद साहू के पुत्र ने पीड़ित के रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर को पिता का होना बताया था.

मृतक खिलानंद साहू के बेटे ने झूठ बोलकर मोबाइल नंबर को वेरिफाई करवाया

आरईओ के मुताबिक हमनाम मृतक खिलानंद साहू के लड़के को बुलाया गया था, ताकि मोबाइल नम्बर के आधार पर वेरिफाई हो सके, लेकिन मृतक के बेटे ने गलत मोबाइल नम्बर को अपना बताया, जबकि वह मोबाइल नम्बर ख़िलानंद साहू पिता जीवन लाल साहू का था. उसने झूठ बोलकर मोबाइल नम्बर की पहचान की.

गलत मोबाइल नंबर वेरिफाई करने वाले आरईओ ने कहा, स्टेट्स ओके हो चुका है

आरईओ केडी साहू ने बताया कि जैसे ही संज्ञान में आया कि यह गलत हो गया है, तो उन्होंने 2021 में सुधार हेतु कार्यालय को सूचित कर दिया  और ईमेल भी करवाया. फिर कार्यालय से भी पत्राचार हुआ, और डीडीए कार्यालय से राज्य नोडल रायपुर को सुधार करने पत्र लिखे हैं. स्टेट्स ओके हो चुका है, बस राज्य नोडल से जारी होना बाकी हैं.

2020 में कोरोना के दौरान हुई थी हमनाम मृतक खिलानंद साहू पिता बुधारू राम की मौत

केडी साहू ने आगे बताया कि खिलानंद साहू पिता बुधारू राम की मौत 2020 कोरोना के दौरान हुई थी और पीएम किसान सम्मान निधि का लाभार्थी ख़िलानंद साहू पिता जीवन लाल साहू को 5 किश्त सम्मान निधि की मिल चुकी हैं. अब देखना होगा अधिकारियो द्वारा की गई लापरवाही का कब तक सुधार हो पाती है.

ये भी पढ़ें-MP News: डभौरा नगर परिषद में पहुंचा 'भूत'! कहा- मैं अभी जिंदा हूं, चुनाव में वोट भी डाला हूं...