Ambikapur News in Hindi: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के आदिवासी बाहुल्य सरगुजा (Surguja) जिला मुख्यालय अंबिकापुर में पहली बार दो घोड़ियों में एक गंभीर बीमारी ग्लैण्डर्स का पाता चला है. यह संक्रामक बिमारी (Viral Disease) एक से दूसरे में फैलने का खतरा होता है, जिसके बाद प्रदेश सरकार ने अलर्ट जारी करते हुए एक आदेश पारित कर अंबिकापुर नगर निगम सीमा क्षेत्र में कोई भी घोड़ा या अश्व प्रजाति (गधा, खचर) नहीं रह सकेगा. दोनों घोड़ियों को नगर सीमा से दूर जहर (Poison) देकर उनको हमेशा के लिए मौत की निंद सुला दिया गया. यह काम उपसंचालक पशुपालन विभाग के अधिकारियों की देखरेख में किया गया है. जानकारी के अनुसार, पशु चिकित्सा मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है.
क्या है घोड़ी में बिमारी फैलने का पूरा मामला?
घोड़ों को शक्ति के प्रतिक के रूप में जाना जाता है. बदलते वक्त में शहर में बारात में दूल्हे के लिए उपयोग की जाने वाली बग्घी में घोड़े-घोड़ियों का उपयोग होता है. परंपरा है कि दूल्हा घोड़ी पर चढ़कर बरात लेकर जाता है. लेकिन, अब अंबिकापुर में ऐसा संभव नहीं होगा. क्योंकि शहर के एक बग्घी संचालक के दो घोड़ियों में ग्लैंडर्स नामक घातक बीमारी का पता चला है. इसके कारण प्रशासनिक अमला अलर्ट पर है. शासन ने इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी है.
जानलेवा संक्रमण होने के कारण घोड़ों को दिया गया जहर
वहीं, सरगुजा कलेक्टर ने भी इस संबंध में पत्र जारी कर गाइडलाइंस का पालन करने के निर्देश दिए हैं, जिसमें कहा गया है कि पशु-चिकित्सकों की 10 सदस्यों की टीम शुक्रवार की दोपहर दोनों संक्रमित घोड़ियों को जहर देकर मौत की निंद सदा के लिए सुला दिया जाए.
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गंभीर बीमारी से हो सकती है मौत
पशु-चिकित्सकों की मानें, तो ग्लैण्डर्स एक भयानक बीमारी है. इसके लक्षण में शरीर में फफोले पड़ना, शरीर में विकृति आना और अंत में मौत तक हो सकती है. चिंता की बात ये है कि ये बीमारी इंसानों में भी फैल सकती है. इसलिए बीमार घोड़ों को जहर देकर मार दिया गया है. डॉक्टरों की मानें, तो जितने भी शादियों में ये दो घोड़ियां गई थी, उसकी भी हिस्ट्री निकाली जा रही है. घोड़ियां के संपर्क में आये सभी डॉक्टरों और पशु मालिक की जांच की जायेगी. इस बारे में उप संचालक पशु डॉ. आरपी शुक्ला ने बताया कि बीमारी बहुत गंभीर है.
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