Jashpur News in Hindi: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के जशपुर जिले के पत्थलगांव के कुनकुरी गांव में खड़ा एक पुराना और सुनसान मकान गांव वालों के लिए दहशत का कारण बन चुका है. इस घर में रहने वाले मकुंद सिदार, उनकी पत्नी सिंधिया बाई और बेटी लक्ष्मी की अलग-अलग समय पर मौत हो चुकी हैं. तीनों की मौत का तरीका भी एक जैसा था. सभी ने घर के एक ही मयार से फांसी लगाकर जान दे दी थी. अब इस घर के पास अंधेरा होने के बाद गांव वाले जाने से पहले दो बार सोचते हैं. इस घर को गांव वाले भूतिया घर मानने लगे हैं.
गांव वाले मानते हैं इस घर को श्रापित
पूरा परिवार हो गया खत्म
जशपुर जिले के पत्थलगांव का नाम कुनकुरी है. यहां का एक पुराना, सुनसान घर , जिसे लोग अब "भूतिया घर" के नाम से जानते है. यह घर वीरान पड़ा है, लेकिन कुछ दिन पहले इसमें एक खुशहाल परिवार रहता था. मकुंद सिदार, उनकी पत्नी सिंधिया बाई और बेटी लक्ष्मी का इस घर ने मौत देखी और फिर गांव में डर का साया छा गया. ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें याद है कि सबसे पहले सिंधिया बाई की लाश उसी घर में लगे मयार से झूलती मिली थी. कोई नहीं जानता था कि उसने आत्महत्या क्यों की...
एक ही परिवार के तीन लोगों ने लगाई फांसी
तीनों की मौत एक ही मयार से लटककर
कुछ सालों बाद दूसरी मौत पति मकुंद की उसी मयार में फांसी लगा कर हुई. मां के बाद पिता की मौत के बाद अकेली बची लक्ष्मी सिदार बहुत गुमसुम रहने लगी. वह धीरे-धीरे, खोई-खोई सी रहने लगी, जैसे कोई छाया उसका पीछा कर रही हो. सप्ताह भर पहले तक घर में दिखने वाली लक्ष्मी के बारे में गांव वालों ने सुना कि बेटी लक्ष्मी ने भी घर के उसी मयार से लटककर अपनी जान दे दी. अब लोगों को शक होने लगा कि यह घर अशुभ है, शायद किसी प्रेत आत्मा का साया है...
सालों से सुनसान पड़ा है घर
घर को मान लिया श्रापित
पहले मां फिर बाप और अब उसकी बेटी की मौत के बाद गांववालों ने उस घर को श्रापित मान लिया है. वहां जाने की हिम्मत कोई नहीं करता... कुछ लोग कहते हैं कि रात के समय वहां किसी के रोने की आवाज आती है, तो कुछ ने छायाएं घूमती देखी हैं. अब वह घर वीरान पड़ा है और गांव में कोई भी वहां पैर रखने से डरता है. लेकिन असली सवाल यह है कि क्या सच में उस घर में कोई आत्मा है, या ये सब सिर्फ एक संयोग था? इस रहस्य का जवाब अब तक किसी को नहीं मिला है.
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सरपंच बताते हैं ये बात
गांव के सरपंच कांति बाई, उसके रिस्तेदार समेत कई लोगों के मुताबिक, कुनकुरी निवासी सिंधिया बाई ने अज्ञात कारणों से फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी. कुछ दिनों बाद मकुंद सिदार ने भी उसी जगह फांसी लगा ली. अब जब उनकी बेटी लक्ष्मी सिदार ने भी ठीक उसी तरह अपनी जिंदगी खत्म कर ली, तो गांववालों का शक गहराने लगा. गांव में इस घर को लेकर कई अफवाहें फैल चुकी हैं. कुछ लोग इसे आत्महत्या मानते हैं, तो कुछ का दावा है कि यह घर ‘श्रापित' है. कुछ गांववालों का कहना है कि वहां अजीबो गरीब आवाजें आती हैं और घर के आसपास अजीब घटनाएं होती हैं.
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