छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में नक्सलवाद का प्रभाव लगातार घट रहा है. इसके साथ ही ग्रामीणों की सोच में भी बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. जहां पहले विकास कार्यों का विरोध किया जाता था, वहीं अब लोग सरकार से विकास की मांग लेकर जिला मुख्यालय पहुंच रहे हैं.
इसी कड़ी में अबूझमाड़ के गुमियाबेड़ा गांव के ग्रामीणों ने सोमवार को कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अपने गांव तक सड़क निर्माण की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा.
गुमियाबेड़ा गांव पहाड़ी इलाके में बसा है, जहां तक पहुंचना आज भी बेहद कठिन है. ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2013-14 में उन्होंने श्रमदान कर खुद पहाड़ी काटकर अस्थायी सड़क बनाई थी, ताकि गांव तक पहुंचना संभव हो सके. उस समय प्रशासन ने पक्की सड़क बनाने का आश्वासन दिया था, लेकिन एक दशक बीत जाने के बाद भी सड़क निर्माण अधूरा है.
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क न होने से राशन, स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं गांव तक नहीं पहुंच पा रही हैं. बरसात के मौसम में हालात और भी विकट हो जाते हैं, जब गांव तक पैदल पहुंचना तक मुश्किल हो जाता है.
ग्राम पंचायत नेडनार की नई सरपंच उर्मिला हिचामी ने ग्रामीणों की मांग का समर्थन करते हुए कहा,
“गुमियाबेड़ा गांव तक सड़क बनाना हमारी पहली प्राथमिकता है. जब सड़क बनेगी, तभी अन्य विकास कार्यों की राह खुलेगी. मैं चाहती हूं कि अपने कार्यकाल में गांव में सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं पहुंचें.”
ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगई को ज्ञापन सौंपते हुए वर्षों पुरानी इस समस्या के समाधान की उम्मीद जताई. कलेक्टर ने ग्रामीणों को उचित कार्यवाही का आश्वासन देते हुए संबंधित विभाग को सड़क निर्माण हेतु निर्देशित करने की बात कही. ज्ञापन सौंपने वालों में सोमारू राम, शंकर पोयाम, और अन्य ग्रामीण शामिल थे.
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