रायगढ़ में 72 हाथियों के दल ने मचाया उत्पात, 19 किसानों की फसलों को पहुंचाया नुकसान

Elephants Destruction in Raigarh: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में इन दिनों हाथियों का आतंक जारी है. दरअसल, जिले में कुल 72 हाथियों का दल अलग-अलग विचरण कर किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा रहा है.

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Destruction on Elephants in Raigarh: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के रायगढ़ जिले (Raigarh) के जंगलों में इन दिनों 72 हाथियों का दल अलग-अलग विचरण कर रहा है. भोजन और पानी की तलाश में प्रतिदिन हाथियों का दल ग्रामीण क्षेत्रों की ओर पहुंचकर फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है. इसी क्रम में बीती रात हाथियों ने 19 किसानों की फसलों (Elephants Damaged Crops) को नुकसान पहुंचाया. बता दें कि हर साल गर्मी शुरू होते ही रायगढ़ जिले के जंगलों (Raigarh Forests) में विचरण करने वाले गजराजों का आतंक शुरू हो जाता है. भोजन और पानी की तलाश में भटकते-भटकते गजराजों का दल अक्सर गांव पहुंचकर ग्रामीणों की फसलों व घरों को नुकसान पहुंचाता है. इसके बाद ये हाथी जंगलों की ओर लौट जाते हैं.

हाथियों ने बीती रात 19 किसानों की फसल बर्बाद की.

रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल में इन दिनों जहां 58 हाथी अलग-अलग रेंज में विचरण कर रहे हैं. जिसमें कापू रेंज के मिरीगुडा में सर्वाधिक 33 हाथी विचरण कर रहे हैं. जिससे यहां के लोगों में भय का माहौल बना हुआ है. इसी तरह रायगढ़ वन मंडल के अलग-अलग रेंज में 14 हाथियों का दल विचरण कर रहा है. जिसमें घरघोड़ा के डेहरीडीह में सर्वाधिक 8 हाथी और उसके बाद बंगुरसिया में 5 हाथी विचरण कर रहे हैं.

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19 किसानों की फसलों को पहुंचाया नुकसान

रायगढ़ वन मंडल के घरघोड़ा रेंज के चारमार गांव में हाथियों ने एक ही रात में 9 किसानों की धान की फसल को नुकसान पहुंचाया, वहीं खरसिया के पंडरमुड़ा गांव में भी एक किसान की धान की फसल को नुकसान पहुंचाया. इसी तरह धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल रेंज चुहकीमार गांव में 4 किसानों के धान की फसल, बनहर में 3 किसानों की धान, उड़द और मुंगफली की फसल के अलावा धरमजयगढ़ के बायसी में 2 किसानों की धान की फसल को हाथियों ने नुकसान पहुंचाया है.

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हाथियों पर ड्रोन की मदद से नजर रखी जा रही है.

हाथियों के मूवमेंट पर रखी जा रही नजर

हाथी प्रभावित क्षेत्रों में हाथी ट्रैकिंग दल एवं हाथी मित्र दल के द्वारा जंगलों में ड्रोन कैमरे की मदद से हाथियों के मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है, ताकि रिहायशी इलाकों में हाथी के प्रवेश करने पर उन्हें सचेत किया जा सके. इसके अलावा गांव-गांव में मुनादी एवं प्रचार-प्रसार कराकर गांव के ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है. साथ ही गांव में हाथियों के दस्तक देने पर उनसे दूरी बनाए रखने की नसीहत दी जा रही है.

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