बाजार में पांच लाख में मिलने वाले सामान को 15 लाख में खरीदा, प्रभारी सीएमओ शामिल, जानें - पूरा मामला

GEM Portal Scam: गरियाबंद जिले में नवगठित देवभोग नगर पंचायत में सरकारी सामान की महंगी खरीदी को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. पांच लाख रुपये में मिलने वाले सामान को 15 लाख रुपये में खरीदा गया.

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Devbhog Nagar Panchayat के सीएमओ ने सरकारी सामान खरीदी में किया बड़ा घोटाला

GEM Portal Scam in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद (Gariaband) के नवगठित देवभोग नगर पंचायत (Devbhog Nagar Panchayat) में सरकारी सामान की खरीदी में बड़ा घोटाला सामने आया है. जानकारी के अनुसार, प्रभारी CMO संतोष चंद्राकर ने बाजार में करीब 5 लाख रुपये में मिलने वाला फर्नीचर, डस्टबिन और फोटो कॉपियर मशीन जेम (Government E Marketplace) पोर्टल के जरिए 15 लाख रुपये में खरीदा गया. इस खरीदी ने न केवल नगर पंचायत की कार्यप्रणाली पर, बल्कि पारदर्शिता के लिए बनाए गए जेम पोर्टल की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.

क्या है देवभोग में घोटाले का पूरा मामला?

सूत्रों के मुताबिक, 15 लाख रुपये की खरीदी के लिए टेंडर तो बुलाया गया, लेकिन नगर पंचायत की एमआईसी (नगर निगम समिति) से खरीदी दरों की स्वीकृति नहीं ली गई. एमआईसी के सदस्यों ने इसपर आपत्ति जताई, क्योंकि जेम पोर्टल पर जो दरें दिखाई गईं, वे बाजार भाव से कई गुना अधिक थीं. इसके बावजूद, प्रभारी सीएमओ ने जल्दबाजी में सामान मंगवा लिया और भुगतान की प्रक्रिया भी पूरी कर दी.

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साय सरकार ने जारी किया आदेश

कर्मचारी संगठन तक ऐसे पहुंचा मामला

बाद में मामला कर्मचारियों के बीच कमीशन के बंटवारे को लेकर बढ़ा और शिकायत कर्मचारी संगठन तक पहुंच गई. कर्मचारी संगठन ने पूरे मामले की शिकायत संचालक नगरीय प्रशासन, रायपुर से की. जांच में खरीदी में गड़बड़ी और नियमों के उल्लंघन की पुष्टि हुई और प्रभारी सीएमओ दोषी पाए गए.

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नगर पंचायत में मामले को लेकर नाराजगी

नगर पंचायत अध्यक्ष और जनप्रतिनिधियों ने इस मामले पर नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि पारदर्शिता के नाम पर शुरू किए गए जेम पोर्टल पर ही अगर घटिया सामान को बाजार से कई गुना महंगे दाम पर बेचा जाएगा, तो ईमानदारी और भ्रष्टाचार पर रोक का दावा कैसे सही माना जाए? अध्यक्ष ने मांग की है कि जेम पोर्टल की दरों की समीक्षा की जाए और दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में ऐसी गड़बड़ियां दोबारा न हों.

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