Dantewada News: नाबालिग से छेड़छाड़ के दोषी शिक्षक को कोर्ट ने सुनाई सख्त सजा, दया याचना भी नई आई काम

न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा, "एक शिक्षक का कर्तव्य है कि वह अपने छात्रों का संरक्षण करे, लेकिन आरोपी ने अपने ही छात्रा के साथ ऐसा कृत्य किया जो बेहद निंदनीय है.

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Dantewada Latest News: दंतेवाड़ा जिले की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पॉक्सो और एट्रोसिटी एक्ट के तहत नाबालिग के साथ रेप के आरोपी शिक्षक अजय सिंह को दोषी ठहराते हुए 12 साल की कठोर सजा सुनाई है. यह मामला स्कूल की एक नाबालिग छात्रा से जुड़ा है, जिसे आरोपी ने खेल फॉर्म के बहाने अपने घर बुलाकर छेड़छाड़ और दुराचार का प्रयास किया था.

29 अक्टूबर 2024 को आरोपी अजय सिंह ने पीड़ित छात्रा को अपने गीदम स्थित निवास पर खेल का फॉर्म देने के बहाने बुलाया. लेकिन घर पर बुलाकर उसने छात्रा के साथ छेड़छाड़ और दुराचार करने का प्रयास किया. पीड़िता ने इस घटना की शिकायत दंतेवाड़ा के आदिम जाति कल्याण थाने में दर्ज कराई. इसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो और एट्रोसिटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया.

पुलिस की जांच और केस डायरी

पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए गहराई से जांच की और कोर्ट में पेश की गई केस डायरी में पीड़िता के बयान, घटना स्थल का नक्शा और अन्य साक्ष्यों को शामिल किया. न्यायालय ने सभी साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर आरोपी को पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी पाया. हालांकि, एट्रोसिटी एक्ट के आरोप में उसे निर्दोष माना गया.

सजा और अर्थदंड

न्यायाधीश शैलेश शर्मा ने भारतीय दंड संहिता की धारा 74 के तहत आरोपी को पांच साल के सश्रम कारावास और 50,000 रुपये का जुर्माना और धारा 10 के तहत सात साल के सश्रम कारावास और 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया. जुर्माना न चुकाने की स्थिति में आरोपी को अतिरिक्त एक-एक साल की सजा भुगतनी होगी.

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न्यायाधीश ने की कड़ी टिप्पणी

न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा, "एक शिक्षक का कर्तव्य है कि वह अपने छात्रों का संरक्षण करे, लेकिन आरोपी ने अपने ही छात्रा के साथ ऐसा कृत्य किया जो बेहद निंदनीय है. यह न्यायालय मानती है कि माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल में शिक्षक के भरोसे छोड़ते हैं. ऐसी स्थिति में यदि शिक्षक ही शोषण करें तो बच्चे कहां सुरक्षित महसूस करेंगे? आरोपी के अपराध को गंभीर मानते हुए उस पर दया दिखाना न्याय के विरुद्ध होगा."

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यह घटना समाज को यह संदेश देती है कि बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों का हनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. न्यायालय ने सख्त रुख अपनाते हुए दोषी को दंडित किया, जो समाज में एक चेतावनी के रूप में कार्य करेगा.

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