Chhattisgarh Electricity Price Hike: छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग (Chhattisgarh State Electricity Regulatory Commission) ने शुक्रवार को सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों (Hike in Electricity Rates) में औसतन 1.89 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दे दी. नई दरें एक जुलाई से प्रभावी हो गई हैं.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि वाम चरमपंथ प्रभावित जिलों में संचार व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए मोबाइल टावरों को ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट का प्रावधान किया गया है.
बयान में कहा गया है कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों, बस्तर और दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण तथा सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण में संचालित अस्पताल, नर्सिंग होम और जांच केंद्रों के लिए प्रचलित विद्युत दरों के ऊर्जा प्रभार में दी जा रही पांच प्रतिशत की छूट को जारी रखा गया है.
घरेलू उपभोक्ता के लिए नई विद्युत दरें
- 0 से 100 यूनिट तक प्रति यूनिट ₹4.10 पैसे प्रति यूनिट
- 100 से 200 यूनिट तक ₹4.20 पैसे प्रति यूनिट
- 201 से 400 यूनिट तक ₹5.60 पैसे प्रति यूनिट
- 401 से 600 यूनिट तक ₹6.50 रुपये प्रति यूनिट
- ₹601 यूनिट से अधिक पर ₹8.30 प्रति यूनिट
पुरानी विद्युत दर थी
- 0 से 100 यूनिट पर ₹3.90 पैसे प्रति यूनिट
- 101 से 200 यूनिट तक ₹4.10 पैसे प्रति यूनिट
- और 201 से ₹400 यूनिट तक ₹5.50 पैसे प्रति यूनिट
- 401 से 600 तक ₹6.50 पैसे प्रति यूनिट
- 601 से उससे अधिक पर ₹8.10 पैसे प्रति यूनिट
घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली की नई दरें
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों (Electricity Tariffs) में 0.10 रुपये से 0.20 रुपये प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है. इसका असर राज्य के लगभग 60 लाख उपभोक्ताओं पर पड़ेगा. राज्य में बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण तीन सरकारी कंपनियां बिजली सेवाओं का प्रबंधन करती हैं.
इन लोगों पर नहीं पड़ेगा बढ़ी बिजली दरों का असर
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भीम सिंह कंवर ने एक बयान में कहा कि बिजली दरों में मौजूदा दरों की तुलना में औसतन केवल 1.89 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जो नाममात्र है. सिंह ने कहा कि कृषि उपभोक्ताओं के लिए कुछ मदों में दर में वृद्धि की गई है, जिसका भार प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जाता है. इसलिए इससे कृषि उपभोक्ताओं को किसी भी तरह का अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा. इसके अलावा, अस्थायी कनेक्शनों, आदिवासी अंचलों, मुरमुरा-पोहा उद्योगों, प्रिंटिंग प्रेस आदि के लिए रियायत बढ़ाई गई है या यथावत रखी गई है.
बयान में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनी को विद्युत की लागत 7.02 रुपये प्रति यूनिट पड़ती है, जबकि घरेलू उपभोक्ताओं को न्यूनतम 4.10 रुपये की दर से विद्युत आपूर्ति की जाती है. सिंह ने कहा कि निम्न मध्यम वर्ग के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए विद्युत दरों में 10 पैसे प्रति यूनिट और अन्य घरेलू उपभोक्ताओं की दरों में 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है.
मोबाइल टावरों के बिजली की दरों में कटौती
बयान में कहा गया है कि राज्य सरकार अधिसूचित वाम चरमपंथ प्रभावित जिलों में संचार व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए मोबाइल टावर की स्थापना कर रही है. इन क्षेत्रों में आने वाले सभी मोबाइल टावरों के ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट का प्रावधान किया गया है.
कृषि पंपों के लिए दरों में 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है. कृषि पंपों के विद्युत देयकों का भुगतान राज्य शासन द्वारा किया जाता है, इसलिए यह भार राज्य शासन स्वयं वहन करेगा. वहीं, गैर घरेलू उपभोक्ताओं की विद्युत दरों में 25 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है.
इसमें कहा गया है कि महिला सशक्तिकरण के लिए पंजीकृत महिला स्व सहायता समूहों द्वारा संचालित उद्योग संबंधी गतिविधियों और व्यावसायिक गतिविधियों को ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट जारी रखी गई है.
राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों, बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण तथा सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण में संचालित अस्पताल, नर्सिंग होम एवं जांच केंद्रों के लिए प्रचलित विद्युत दरों के ऊर्जा प्रभार में दी जा रही पांच प्रतिशत की छूट को जारी रखा गया है.
पोहा और मुरमुरा मिल को ऊर्जा प्रभार में पांच प्रतिशत की छूट को बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है. अग्रिम भुगतान करने वाले सभी उपभोक्ताओं को दी जाने वाली 0.50 प्रतिशत छूट को बढ़ाकर 1.25 प्रतिशत किया गया है. ऑफसेट प्रिन्टर्स और प्रिंटिंग प्रेस उपभोक्ताओं को गैर घरेलू से हटाकर औद्योगिक श्रेणी में सम्मिलित किया गया है जो कि पहले की अपेक्षा कम है.