CG Board Exam: छत्तीसगढ़ में पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षा को लेकर अभी भी संशय! विभाग के निर्णय से छात्र और अभिभावक हैं परेशान

5th and 8th Board Exam: छत्तीसगढ़ के स्कूल संचालकों ने विभाग के निर्णय पर कई सवाल उठाए हैं. पांचवीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षा के अभ्यार्थियों का कहना है कि साल भर तैयारी करनी होती है. निजी स्कूल के बच्चों को इस फैसले से सबसे बड़ी समस्या होती है. आइए आपको मामले की पूरी जानकारी देते हैं.

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Chhattisgarh Board Exam: बच्चे और अभिभावक हो रहे बोर्ड परीक्षा को लेकर परेशान

School Education Department CG: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में स्कूली बच्चों की परेशानी बढ़ गई है. स्कूल शिक्षा विभाग ने बच्चों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए पांचवीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षा (Fifth and Eight Board Exams) कराने का निर्णय लिया है. विभाग ने 3 दिसंबर को 2024-25 सत्र के लिए जिला स्तरीय केंद्रीकृत बोर्ड परीक्षा कराने का आदेश जरी कर दिया, लेकिन विभागीय आदेश जारी होने के एक महीने से ज्यादा समय बीत गया, उसके बावजूद जिला स्तरीय समिति की स्कूलों को जानकारी नहीं दी है. निजी स्कूल एसोसिएशन का कहना है कि एग्जाम का पैटर्न क्या होगा, सिलेबस कैसा रहेगा, इसकी उन्हें जानकारी नहीं दी गई है. हालांकि, सरकारी स्कूल (Government School) के शिक्षक कह रहे उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी. 

आठवीं के क्षात्रों में है डर

मोक्ष चंद्राकर रायपुर के एक निजी स्कूल में आठवी कक्षा के छात्र है. बोर्ड परीक्षा के नाम से मोक्ष को डर लग रहा है. मोक्ष की तरह पांचवीं और आठवीं के अधिकांश छात्र इसी बात से घबराए हुए है की एग्जाम का पैटर्न कैसा होगा, उन्हें जो किताब पढ़ाई गई है उसी से पेपर आयेगा या नहीं. मोक्ष कहते है कि 'मेरी तैयारी नहीं है. अचानक से पता चला है कि बोर्ड एग्जााम है. डर लग रहा है कि बाहर से पेपर आयेगा और बाहर परीक्षा देने जाना होगा.'

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अभिभावक भी हैं परेशान

प्रदेश के तमाम छात्र ही नहीं, बल्कि उनके माता-पिता भी बेहद चिंतित है. मोक्ष की मां, प्रीति सिन्हा का कहना है कि बच्चे बोर्ड के लिए तैयार नहीं है. अचानक बोर्ड का फैसला ले लिया गया है, लेकिन पता ही नहीं क्या पैटर्न होगा. प्रीति सिन्हा कहती हैं कि  बच्चे छोटे है. वे तैयार नहीं है. बच्चे के साथ हम भी तैयार नहीं है. समझ में नहीं आ रहा किस तरह का पेपर आएगा. बच्चों को इसके लिए और समय मिलना चाहिए.'

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निजी स्कूलों का ये है कहना

छत्तीसगढ़ के निजी स्कूल का मानना है कि मिड सेशन से बोर्ड परीक्षा नहीं करनी चाहिए, क्यूंकि स्कूल और बच्चे दोनों तैयार नहीं है. निजी स्कूल प्राइवेट पब्लिकेशन की किताब पढ़ा रहे है, लेकिन पेपर scert की बुक से आयेगा. शिवानी जैलवाल, प्रिंसिपल निजी स्कूल का कहना है कि अभी बोर्ड की तैयारी कराने में परेशानी हो रही है. अभी तक किसी भी तरह की कोई गाइडलाइन हमें नहीं मिली है. किस तरीके का पेपर आएगा, सिलेबस में क्या-क्या रहेगा. पहले यह था कि लास्ट का 50% का पोर्शन आता था. अभी तक कोई जानकारी नहीं आई है कि कितना पोर्शन आने वाला है.

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