खुद पूर्व CM भूपेश बघेल ने बताया- ED को मेरे घर से मिला 33 लाख कैश, कहा- विधानसभा में सवाल पूछना पाप हो गया

ED Raid at Bhupesh Baghel House: ईडी की टीम भूपेश बघेल के आवास से लौट गई है. पूर्व सीएम के घर पर ईडी की सुबह से ही छापेमारी जारी थी. इस दौरान ईडी को उनके घर से 33 लाख रुपये कैश भी मिला है.

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ED Raid: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chhattisgarh Former CM Bhupesh Baghel) के घर से ईडी (ED, प्रवर्तन निदेशालय) को छापेमारी के दौरान 33 लाख रुपये कैश मिला है. पूर्व सीएम ने खुद इसकी जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दी है. उन्होंने कहा कि ईडी ने घर में किसी भी सदस्य से पूछताछ नहीं की है. बस यही जाना कि किसके पास कितना सोना और चांदी है. साथ ही संपत्ति के बारे में जानकारी ली.

ईडी ने संपत्ति को लेकर जांच की है, दस्तावेज भी मिले. एजेंसी कोई भी दस्तावेज लेकर नहीं गई है.  भूपेश बघेल ने कहा कि ईडी को ऐसा कुछ भी नहीं मिला, जिससे उन्हें चिंता करने की जरूरत है. पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केवल उन्हें बदनाम करने के लिए छापेमारी की गई है.

बघेल ने बताया कहां से आए 33 लाख रुपये

33 लाख रुपये मिले कैश पर भूपेश बघेल ने कहा कि हमारे यहां डेढ़ सौ एकड़ से ज्यादा की जमीन है. डेयरी का कारोबार है. उन्होंने कहा कि ये रुपये परिवार के सभी सदस्यों के अलावा कारोबार से जुड़े हैं.

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पूर्व सीएम ने कहा कि विधानसभा में सवाल पूछना पाप हो गया है. कवासी लखमा ने पूछा तो 8 दिन के भीतर जेल में डाल दिया. मैंने विजय शर्मा से आवास पर सवाल पूछा तो मेरे पास भी ईडी की टीम भेज दी, जिसके अभी चार दिन भी नहीं बीते थे.

11 घंटे तक चली ईडी की छापेमारी

ईडी की टीम सुबह पूर्व सीएम के भिलाई स्थित आवास पर पहुंच गई थी. इसके बाद 11 घंटे से ज्यादा तक छापेमारी की और जरूरी दस्तावेज खंगाले. ईडी की टीम शाम छह बजे भूपेश बघेल के घर से निकल गई. इस दौरान ईडी की टीम किसी भी सदस्य को साथ लेकर नहीं गई है. केंद्रीय एजेंसी ने भूपेश बघेल के आवास स्थित राज्य में 14 ठिकानों पर छापेमारी की थी.

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शराब घोटाले को लेकर जांच

ईडी की टीम चार गाड़ियों से बघेल के घर पर पहुंच गई. जांच के दौरान ईडी के बड़े अधिकारी सोना जांचने और कैश गिनने की मशीन लेकर पहुंचे थे. बता दें कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को "भारी नुकसान" हुआ और शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेबों में 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की आपराधिक आय भरी गई.

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