Bank Fraud Case: बैंक नोटिस से खुला राज; दोना-पत्तल मशीन योजना से ठगी, महिलाओं ने दर्ज कराई FIR

Bank Loan Scam: आरोपियों के आश्वासनों पर भरोसा करते हुए महिलाओं ने ऋण प्रक्रिया पूरी करवाई लेकिन न तो मशीनें दी गईं और न ही बैंक की किस्तें जमा की गईं. स्थिति तब और गंभीर हो गई जब बैंकों से महिलाओं को बकाया ऋण की किश्तों के संबंध में नोटिस आने लगे और उन्हें पूरे मामले की वास्तविकता का अंदाजा हुआ.

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Bank Fraud Case: बैंक नोटिस से खुला राज; दोना-पत्तल मशीन योजना से ठगी, महिलाओं ने दर्ज कराई FIR

Korea News: कोरिया जिले के बैकुंठपुर (Baikunthpur) में दो स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने गंभीर आर्थिक धोखाधड़ी का मामला (Bank Loan Fraud Case) उजागर किया है. देविका और अनामिका स्वयं सहायता समूह (Women Self help group) की सदस्य महिलाओं ने दो व्यक्तियों नील कमल और सुनील कुमार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने दोना पत्तल मशीन उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाकर 20 महिलाओं के नाम से कुल 6 लाख रुपये का बैंक ऋण (Bank Loan) स्वीकृत करवाया लेकिन पूरी राशि स्वयं हड़प ली.

महिलाओं के आरोप क्या हैं?

पीड़ित महिलाओं का कहना है कि आरोपियों ने उन्हें यह विश्वास दिलाया था कि दोना और पत्तल बनाने की मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी और तैयार उत्पाद की मार्केटिंग की जिम्मेदारी भी वही संभालेंगी. इतना ही नहीं उन्होंने यह वादा भी किया था कि बैंक में ऋण की मासिक किस्तें वे स्वयं जमा करेंगे ताकि किसी भी सदस्य पर आर्थिक दबाव न पड़े.

आरोपियों के इन आश्वासनों पर भरोसा करते हुए महिलाओं ने ऋण प्रक्रिया पूरी करवाई लेकिन बाद में न तो मशीनें दी गईं और न ही बैंक की किस्तें जमा की गईं. स्थिति तब और गंभीर हो गई जब बैंकों से महिलाओं को बकाया ऋण की किश्तों के संबंध में नोटिस आने लगे और उन्हें पूरे मामले की वास्तविकता का अंदाजा हुआ.

धोखाधड़ी से परेशान महिलाएँ पहले जनदर्शन में पहुंचीं, जहाँ उन्होंने पूरे मामले की लिखित शिकायत अधिकारियों को सौंपी.

पुलिस में भी शिकायत दर्ज

इसके बाद सभी पीड़ित महिलाएँ सिटी कोतवाली बैकुंठपुर पहुँचीं और थाना प्रभारी को विस्तृत आवेदन देकर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की. शिकायत में महिलाओं ने बताया कि दोनों आरोपी लंबे समय से उन्हें भ्रमित कर रहे थे और बार बार मशीनें जल्द उपलब्ध कराने का बहाना बनाते रहे लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी कोई व्यवस्था नहीं की गई जिससे यह स्पष्ट हो गया कि मामला सुनियोजित धोखाधड़ी का है.

पुलिस ने महिलाओं से प्राप्त आवेदन को संज्ञान में लेते हुए जांच शुरू कर दी है. प्रारंभिक स्तर पर पुलिस ने पीड़ितों के बयान दर्ज कर लिए हैं और बैंक दस्तावेजों समेत संबंधित सभी तथ्य एकत्रित किए जा रहे हैं.

पीड़ित महिलाओं का कहना है कि यह घटना न केवल आर्थिक नुकसान है बल्कि उनकी आजीविका और समूह की विश्वसनीयता पर भी गहरा असर डाल रही है. उन्होंने प्रशासन और पुलिस से भरोसा जताते हुए शीघ्र कार्रवाई की अपील की है ताकि न्याय मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके.

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