दुर्ग में पुलिस का लाठीचार्ज! प्रदर्शन कर रहे जमीन कारोबारियों पर बरसाए डंडे, कई लोग घायल

दुर्ग में police lathicharge के दौरान land guideline hike के विरोध में उतरे सैकड़ों जमीन कारोबारी घायल हो गए. Durg protest और real estate dealers demonstration को देखते हुए कलेक्ट्रेट क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया. अचानक भीड़ के उग्र होने पर पुलिस ने कार्रवाई की, जिसमें कई लोग अस्पताल पहुंचाए गए.

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Police Lathicharge in Durg: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में जमीन की गाइडलाइन दरों में अचानक हुई बढ़ोतरी ने रियल एस्टेट कारोबारियों में नाराज़गी बढ़ा दी. सोमवार को जब वे शांतिपूर्ण तरीके से कलेक्ट्रेट घेराव करने निकले, तो हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. इस कार्रवाई में कई लोग घायल हो गए और इलाके में तनाव फैल गया.

नई गाइडलाइन दरों से व्यापारियों में आक्रोश

दरअसल, दुर्ग में 150–200 रियल एस्टेट कारोबारी और जमीन व्यापारी सोमवार को अचानक बढ़ी गाइडलाइन दरों के खिलाफ बड़ी संख्या में जुटे. काले गुब्बारे और काले झंडे लेकर वे कलेक्ट्रेट की ओर पैदल मार्च कर रहे थे. व्यापारियों का कहना है कि नई दरों से जमीन और मकानों की रजिस्ट्री बेहद महंगी हो गई है, जिससे कारोबार ठप होने की नौबत आ रही है.

कलेक्ट्रेट की राह में पुलिस ने लगाया रोक

प्रदर्शन की खबर मिलते ही पुलिस ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी थी. कलेक्ट्रेट की तरफ जाने वाले मुख्य रास्तों को पहले ही रोक दिया गया था. जैसे ही प्रदर्शनकारी पटेल चौक पहुंचे, पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश की. कई बार समझाने के बावजूद भीड़ आगे बढ़ने पर अड़ी रही.

पानी के पाउच फेंके, स्थिति अचानक बिगड़ी

भीड़ को रोकने के दौरान तनाव उस वक्त बढ़ गया जब कुछ लोगों ने पुलिस पर पानी के पाउच फेंक दिए. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई. माहौल बिगड़ते देख पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया. इस दौरान कई प्रदर्शनकारी घायल हुए और उन्हें अस्पताल भेजना पड़ा. पुलिस ने 7–8 लोगों को गिरफ्तार भी किया है.

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प्रदर्शनकारियों का आरोप- हम शांतिपूर्ण थे

प्रदर्शन में शामिल दिनेश पांडेय ने कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध दर्ज करा रहे थे. उनका आरोप है कि किसी असामाजिक तत्व ने पानी फेंका, और उसी के तुरंत बाद पुलिस ने बिना वजह लाठीचार्ज शुरू कर दिया. उनका कहना है कि प्रदर्शन से दो दिन पहले ही चक्का जाम की सूचना प्रशासन को दे दी गई थी.

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पुलिस का दावा- अनुमति के बिना जुलूस निकाला 

एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने बिना अनुमति जुलूस निकाला और पटेल चौक पर चक्का जाम करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि कई बार समझाइश देने के बावजूद भीड़ नहीं मानी. भीड़ में मौजूद कुछ लोगों द्वारा पानी पाउच फेंकने से स्थिति बिगड़ी और बल प्रयोग करना पड़ा. पुलिस ने उनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा और रास्ता अवरुद्ध करने के मामले दर्ज किए हैं.

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मंत्री बोले- ...तो गाइडलाइन पर पुनर्विचार

राज्य के शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने बताया कि रियल एस्टेट कारोबारियों का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला था. उनकी मांगें मुख्यमंत्री तक पहुंचा दी गई हैं. उन्होंने कहा कि यदि गाइडलाइन में किसी कमी या संशोधन की जरूरत महसूस हुई, तो सरकार इस पर पुनर्विचार करेगी.

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