CG:  करोड़ों रुपयों का गबन कर फ़रार हो गया था डॉक्टर, पुलिस ने कोलकाता से किया गिरफ्तार

CG News: करोड़ों रुपयों का गबन कर फ़रार हुए शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. खंडूजा को पुलिस ने कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया है. मामला छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले का है. आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है? 

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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के भिलाई के शिशु रोग विशेषज्ञ शहर के नामी हॉस्पिटल के पूर्व संचालक डॉक्टर खंडूजा को दुर्ग पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. एक वक्त तक बीएसआर व बीएसआर स्कैन के संचालक रहे खंडूजा कोलकाता में छिपकर बैठा था. 

ये है मामला 

डॉ. खंडूजा को आरपीएस-1 के संचालक सोनल रुंगटा की शिकायत पर 19 करोड़ से ज़्यादा का ठगी मामले में गिरफ्तार किया गया है. जबकि पहले बीएसपी में बतौर डॉक्टर काम करते खंडूजा ने कई लोगों से अच्छा संबंध बनाया था. बीएसपी की नौकरी छोड़ने के बाद पॉवर हाउस में अपना ख़ुद क्लिनिक शुरू किया. बीएसपी में पकड़ होने के वजह से उन्हें बीएसपी से रिटायर्ड लोगों की सूची आसानी से मिल जाती थी.

जिसके बाद रिटायर्ड लोगों से बीएसआर अपोलो हॉस्पिटल में इन्वेस्टमेंट करने के नाम पर पैसा लेते थे. इस तरह से दुर्ग जिला सहित राजनांदगांव, रायपुर व बिलासपुर के नामी ग्रुप्स व डॉक्टर्स से लाखों रुपये का इन्वेस्टमेंट कराया. 

इस मामले में पीछे पड़ी पुलिस

डॉ. मनमोहन खंडूजा ने आरपीएस 1 के संचालक सोनल रूंगटा से 19 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी की थी. आरोप है की खंडूजा ने 96 करोड़ में 50,000 वर्ग फीट की जमीन पर बनी अपोलो हॉस्पिटल जुनवानी का सौदा सोनल रुंगटा से करते हुए 19 करोड़ रुपए की 14 लाख एडवांस लिया था. जिसके बाद भी जमीन दूसरे व्यक्ति यानी विपिन अग्रवाल को बेच दिया और सोनल रुंगटा को एडवांस नहीं लौटाया. 

जिसको लेकर सोनल रुंगटा नें भिलाई के छावनी थाना में शिकायत दर्ज कराई. जांच के दौरान पुलिस को सूचना मिली की डॉ. खंडूजा कोलकाता में छिपा हुआ है, जिसपर दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला ने पुलिस की स्पेशल टीम गठित कर कोलकाता भेजा.

हॉस्पिटल बेच कर हुए थे फरार

बताया जा रहा है कि खंडूजा के ऊपर बैंक का भी बहुत बड़ा कर्ज था, जिसे चुकाने के लिए अलग-अलग लोगों को झांसा देकर उनसे पैसे लिए और बैंक का ऋण चुकाया. जिसके बाद उसने पूरा अस्पताल विपिन अग्रवाल को बेचकर परिवार के साथ कोलकाता फरार हो गया. 

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ऐसे हुई गिरफ्तारी 

17 अक्टूबर को अपराध दर्ज करने के बाद दुर्ग एसपी ने विशेष टीम बनाई गई थी. पुलिस को आरोपी का पता चलते ही भिलाई छावनी पुलिस कलकत्ता पश्चिम बंगाल के लिए निकल गए. 03 दिन तक प्रयास करने के बाद दिनांक 19 अक्टूबर को कोलकाता के लैब मे पुलिस की टीम ईलाज कराने के नाम पर डॉ. मनमोहन खण्डुजा से सम्पर्क किया और वहां से गिरफ़्तार कर शनिवार को छावनी थाना लाया गया और न्यायिक रिमांड के लिए न्यायालय दुर्ग पेश किया गया.

पहले से दर्ज हैं कई मामले

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार शहर के अलग-अलग थानों में चेक बाउंस और अन्य धोखाधड़ी के कई मामलों में भी डॉ. खंडूजा के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज है.

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